प्रथम दीक्षा समारोह :  पंथ-संप्रदाय नहीं, मानवता से जुड़ा है योग: राष्ट्रपति

पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में आये गणमान्य अतिथिगणों का मिला आशीर्वाद

प्रथम दीक्षा समारोह :  पंथ-संप्रदाय नहीं, मानवता से जुड़ा है योग: राष्ट्रपति

  • भारत माता का बढ़ाना है मान  -पूज्य स्वामी जी महाराज
   हरिद्वार। पतंजलि विश्व विद्यालय के कुलाधिपति योगर्षि स्वामी जी महाराज ने कहा कि अब इन बच्चों की श्रृंखला प्रारम्भ हो गई है। अब हमें विश्व विजेता के पुरोधा बनकर भारत माता का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यह छात्र गुरुकुल शिक्षा परम्परा से पढ़े हैं, जिस पर लोग बड़ा प्रश्न खड़ा करते थे, इसका उपहास उड़ाते थे। लेकिन वहीं शिक्षा व्यवस्था आज सैकड़ों छात्र-छात्राओं तैयार कर रही है। इन बच्चों को उपाधि देकर उन्हें अपनी शिक्षा पर गौरव की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने अंदर से संकल्प लें कि विश्व पटल पर भारत माता का शीश ऊँचा करना है। पतंजलि विवि का यह बीज रूप है। आने वाले समय में ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनेगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी होगी, जहां 1 लाख से अधिक छात्र-छात्रायें सभी विषयों में ज्ञान हासिल करेंगे। पतंजलि विवि व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। भविष्य में पतंजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड बनाने जा रहा है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आएगी। -संवाद
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सपनों का उत्तराखंड बनाने में आगे बढ़ रहीं सरकार
·         -श्री पुष्कर सिंह धामी जी मुख्यमंत्री (उत्तराखण्ड)
हरिद्वार। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि प्रदेश सरकार उन सपनों के उत्तराखंड के निर्माण के लिए निरंतर आगे बढ़ रही है, जो सपने लोगों ने उत्तराखण्ड बनने के दौरान देखे थे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द ही सफलता मिलेगी।
      पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि जिस प्रकार महर्षि दधीचि के तप का उपयोग कर व्रज का निर्माण हुआ, उसी प्रकार पूज्य स्वामी जी महाराज अपने संघर्ष और तप से योग, प्राणायाम, अध्यात्म और स्वदेशी चिंतन की पताका को पूरे विश्व में फहरा रहे हैं। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज अपने प्रबंधन कौशल और आयुर्वेद के ज्ञान से भारतीय चिकित्सा पद्धति व योग क्रांति को पूरे विश्व में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि आज योग भारतीय संस्कृति के ध्वजावाहक के रूप में दुनियाभर में इस सत्य को पुर्नःस्थापित कर चुका है कि यहां की परम्पराएं, दर्शन और ऋषि, मुनियों की ओर से अपनाई व तय की गई जीवन पद्धति कितनी वैज्ञानिक एवं हितकारी थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए 21वीं सदी बेहद ही महत्वपूर्ण है। इस सदी में उत्तराखण्ड देश का नम्बर वन राज्य बनेगा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, मेयर रूड़की, गौरव गोयल, जिला अधिकारी विनय शंकर पाण्डे, एसएसपी योगेन्द्र सिंह रावत मौजूद रहे।  -संवाद
 
पतंजलि विवि के छात्र सभ्यता और संस्ड्डति के ब्रांड एंबेसडर: राज्यपाल
      -मा.श्री गुरमीत सिंह जी राज्यपाल लंफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त)
हरिद्वार। राज्यपाल लंफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) उत्तराखण्ड माननीय श्री गुरमीत सिंह जी ने कहा कि परम पूज्य स्वामी जी महाराज और श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने योग और आयुर्वेद को दुनियाभर में एक नई पहचान देकर इसका महत्व बताया। दोनों ही लोग योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से हेल्थ सेक्टर में क्रांति ला रहें हैं।
     भविष्य में विश्व के 7 बिलियन लोग इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद के विद्यार्थी हमारी सभ्यता, संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर हैं। योग और आयुर्वेद को विश्व की एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करना है। जिसका उत्तरदायित्व भी पूज्य स्वामी जी महाराज पर ही है। पतंजलि विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल  महोदय जी ने कहा कि प्राणायाम और योगासनों की शक्तियों को पूरा विश्व पहचान चुका है। आयुर्वेद और योग ने भारत को कोविड काल की चुनौतियों के लिए भी तैयार किया। जहां पूरा विश्व कोविड के कारण बुरी तरह प्रभावित रहा। योग एवं आयुर्वेद के कारण भारत ने इस चुनौती का सामना बेहतर ढंग से किया। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का अर्थ शिक्षा की समाप्ति नहीं है। शिक्षा तो जीवनभर निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। आज पूरा विश्व असीमित संभावनाओं और अवसरों से युक्त है। युवा पीढ़ी से अपेक्षाएं है कि आउट आॅफ द बाक्स थिकिंग और अपनी नई कल्पनाओं के साथ प्रत्येक क्षेत्र में असीमित परिणाम देंगे। योग और आयुर्वेद हमारी सरल, सहज एवं शाश्वत और सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। जन-जन तक इस बात को पहुंचाना है। हमारे सामने सतत विकास के साथ ही संतुलित विकास की भी चुनौती है। यहां से निकलने वाले विद्यार्थी यदि उत्तराखण्ड के दूरस्थ इलाकों में जाकर कार्य करेंगे तो राज्य में रिवर्स माइग्रेशन का नया अध्याय लिखा जा सकेगा। -संवाद
भविष्य हमारे देश भारत और वैदिक संस्ड्डति का है।
   -आचार्य बालकृष्ण जी महाराज कुलपति, पतंजलि विश्वविद्यालय
हरिद्वार। श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि सत्र 2009 में विधिवत अध्यापन का क्रम प्रारम्भ हुआ, 2012 से शोध कार्य भी प्रारम्भ हो गया था। विश्वविद्यालय में जहाँ हम शोध कार्य कर रहे हैं, वहीं पर च्त्प् के माध्यम से, पतंजलि रिसर्च अनुसंधान के माध्यम से, विश्वस्तरीय अनुसंधान, प्रकाशन और विश्वस्तरीय अनुसंधान का कार्य भी श्रद्धेय स्वामी जी के नेतृत्व में चल रहा है। वर्तमान में लगभग 1 हजार छात्र, छात्राएं अध्यन एवं शोध कार्य कर रहे हैं, इसमें से शोध कार्य के छात्र लगभग 100 है। महामहिम को मैं यह बताना चाहता हूँ की योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में यह पहला विद्यालय है जहाँ सर्वाधिक Ph.D. करने वाले छात्र जो NET और JRF प्राप्त कर रहे है।
    सारा संसार कोविड महामारी से त्रस्त था तब पूरे देश को आयुर्वेद के संजीवनी के रुप में कोरोनिल से एक सेवा करने का अवसर भी इस पतंजलि संस्थान को प्राप्त हुआ। भविष्य हमारे देश भारत और वैदिक संस्कृति का है। योग और आयुर्वेद से ही भारत का रोग और संताप मिटेगा यह हमें पूरा विश्वास है। पूरा संस्कार पुनः योग, आयुर्वेद एवं सनातन संस्कृति का अनुशरण करेगा। आज वैदिक सनातन संस्कृति और योग, आयुर्वेद के प्रति पूरी दुनिया निहार भी रही है पतंजलि विश्वविद्यालय को। आपके आशीर्वाद से इस कार्य को पूर्ण करने के लिए संकल्पित हैं और आप आशीर्वाद देते रहेंगे।
-संवाद

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