आयुर्वेदामृत
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत     आयुर्वेद शाष्यत है, अनादि है किंतु पे लगभग 2000 वर्ष पूर्व आयुर्वेद काल, समय, स्थिति के कारण पिछड़ गया था। यो पिछले 2000 वर्ष के पूर्व के आयुर्वेद और वर्तमान समय के आयुर्वेद की कड़ी को 2 जोड़ने का आयुर्वेद...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत पतंजलि आयुर्वेद व योग का पर्याय-           पतंजलि में दुनिया के लगभग 70 से ज्यादा देशों के लोग उपचार के लिए आ रहे हैं सामथ्र्यशाली हैं। उनके पास आधुनिक चिकित्सा कराने के सभी विकल्प हैं फिर भी वे आयुर्वेद व योग...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत:  संस्कृति व रोगी सेवा में पतंजलि एक प्रयास है.....

आयुर्वेद अमृत:  संस्कृति व रोगी सेवा में पतंजलि एक प्रयास है..... आयुर्वेद को लेकर क्या हैं चुनौतियाँ?         योग आपको लगता होगा कि आयुर्वेद को लेकर क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं पर शायद बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि आयुर्वेद न बढ़े इसके लिए कितने कुत्सित प्रयास किए...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।         हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों का धीरे-धीरे परित्याग कर देना चाहिए। इस प्रकार ये सात्म्य हो जाते हैं। किसी पदार्थ का निरन्तर व दीर्घकाल तक...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत       प्राचीनकाल से ही हम सुनते आए हैं कि ‘पहला सुख-निरोगी काया।’ संसार की कितनी भी ऊँचाइयों को हमें पाना हो, समुद्र की गहराइयों को नापना हो चाहे आसमान की ऊँचाइयों को छूना हो, जीवन में कितनी...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत         आज से 350 वर्ष पहले समर्थ गुरु रामदास जी और उनके समर्थ शिष्य शिवाजी महाराज से प्रारंभ हुई परम्परा के जीवंत विग्रह पतंजलि बाल गुरुकुलम्, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण हैं। हिन्दू साम्राज्य, रामराज्य...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद की विजय यात्रा, विजय गाथा

आयुर्वेद की विजय यात्रा, विजय गाथा             प्राचीनकाल में ही हम सुनते आए हैं कि ‘पहला सुख-निरोगी काया’। संसार की कितनी भी ऊँचाइयों को हमें पाना हो, समुद्र की गहराइयों को नापना हो चाहे आसमान की ऊँचाइयों को छूना हो, जीवन में...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत       वनस्पति सम्पदा स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के सार्वभौमिक प्रतीक के रूप में विद्यमान है, जो विश्व के लोगों को संतुष्टि एवं सुख प्रदान करती है। बचपन से ही मैंने अपने को प्रकृति के अधिक सन्निकट पाया। प्रकृति के प्रति...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत        स्वच्छतापूर्ण भोजन- पवित्र पात्रों व पवित्र स्थान में भोजन करना चाहिए। स्वयं भी स्नान आदि द्वारा पवित्र होकर भोजन करना चाहिए। इससे व्यक्ति संतुष्टि प्राप्त करता है तथा शरीर को आह्लाद व पोषण मिलता है। जो इष्ट न हो...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद अमृत

आयुर्वेद अमृत स्वच्छतापूर्ण भोजन- पवित्र पात्रों व पवित्र स्थान में भोजन करना चाहिए। स्वयं भी स्नान आदि द्वारा पवित्र होकर भोजन करना चाहिए। इससे व्यक्ति संतुष्टि प्राप्त करता है तथा शरीर को आह्लाद व पोषण मिलता है। जो इष्ट न हो...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद रूक्ष भोजन न करना- रूक्ष भोजन से विष्टम्भ,  उदावर्त,  विवर्णता व ग्लानि होती है तथा मात्रा से अधिक खाया जाता है। रूक्ष भोजन से वायु का प्रकोप तथा जलीय अंश के अभाव में मूत्र का अवरोध हो जाता है।   अतिस्निग्धाशिनस्तन्द्रीतृष्णाजीर्णोदरामयाः।...
Read More...
आयुर्वेदामृत 

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप कारण व भेद

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण  का स्वरूप कारण व भेद रूक्ष भोजन न करना- रूक्ष भोजन से विष्टम्भ] उदावर्त] विवर्णता व ग्लानि होती है तथा मात्रा से अधिक खाया जाता है। रूक्ष भोजन से वायु का प्रकोप तथा जलीय अंश के अभाव में मूत्र का अवरोध हो जाता...
Read More...