एजुकेशन फार लीडरशिप का शंखनाद

एजुकेशन फार लीडरशिप का शंखनाद

राष्ट्रभक्त बुद्धिजीवियों को विश्व नेतृत्व के लिए तैयार करने की योजना -
      पतंजलि विश्वविद्यालय के विश्वस्तरीय वृहद सभागार में आयोजित पतंजलि गुरुकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रमों में आधुनिकता के साथ-साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति, संस्कार व परम्पराओं की झलक देखने को मिली। साथ ही पतंजलि की भावी योजनाओं में स्वदेशी शिक्षा के आंदोलन की रूपरेखा भी दिखाई दी। शिक्षा क्रांति को लेकर पतंजलि की भावी योजनाओं में जल्द ही हरियाणा में पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम् तथा पतंजलि ग्लोबल विश्वविद्यालय स्थापित करना मुख्य है। स्वदेशी चिकित्सा व स्वास्थ्य को लेकर भी पतंजलि की व्यापक योजनाएँ हैं जिनमें हरियाणा में ही प्रस्तावित विश्वस्तरीय ग्लोबल वेलनेस सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। इस सेंटर पर पतंजलि द्वारा प्रतिपादित एकीकृत चिकित्सा का लाभ जनमानस को सुलभ होगा।
एजुकेशन फाॅर लीडरशिप का शंखनाद- हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कार, मूल्यों व आदर्शों की प्रतिष्ठा कराना है जिससे वे विश्व नेतृत्व के लिए तैयार हो सकें। इसके लिए पतंजलि ने एजुकेशन फाॅर लीडरशिपका शंखनाद किया है। प्राचीन भारतीय संस्कृति शाश्वत, सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों का प्रतीक है। इसलिए भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा को फिर से स्थापित करने और भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने के उद्देश्य से हमें स्वस्थ, सक्षम और चरित्रवान नागरिक गढ़ना है, और पतंजलि के सभी शिक्षण संस्थान इस कार्य को गति प्रदान कर रहे हैं।
     हमारा उद्देश्य युवाओं में वह सामथ्र्य गढ़ना है जिससे वे प्राचीन वैदिक ज्ञान और नए वैज्ञानिक अनुसंधान को विश्व बंधुत्व की भावना के साथ जोड़कर वैश्विक चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकें।
पतंजलि गुरुकुलम- प.पू.स्वामी रामदेव जी महाराज के मार्गदर्शन में संचालित पतंजलि गुरुकुलम् की स्थापना जून, 2017 में की गई थी। हमारा उद्देश्य पूर्ण रूप से जागृत एवं पूर्ण रूप से सक्षम आत्माओं को तैयार करना है जो एक जागृत, प्रबुद्ध, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं वैज्ञानिक रूप से विकसित परिवार, समाज, राष्ट्र एवं समग्र रूप से विश्व का निर्माण करेंगे।
पतंजलि गुरुकुलम के उद्देश्य- वैदिक विद्वान निर्माण योजना: व्याकरण, दर्शन, वेद, उपनिषद, भारतीय प्रामाणिक इतिहास और राजधर्म आदि विभिन्न विषयों के संदर्भ में सत्यनिष्ठ विद्वान तैयार हों तथा सामाजिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और राजनैतिक दृष्टि से एक आदर्श नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता वाले स्नातक विद्यार्थी तैयार हों।
आधुनिक भारत की राष्ट्रीय नेतृत्व निर्माण योजना- ऐसे बुद्धिजीवियों और राष्ट्रीय व्यक्तित्वों को तैयार करना जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे-प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, रक्षा, प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, खेल और क्रीड़ा, ललित कला, संगीत, नाटक, कृषि, उद्योग, अनुसंधान आदि में नए मील के पत्थर स्थापित कर सकें।
      बालपन कच्ची मिट्टी के समान होता है, इसे जैसा चाहें वैसा ढाल सकते हैं। पतंजलि गुरुकुलम् के माध्यम से हम युवा मन में उपयोगिता और आकर्षण दोनों का संचार कर रहे हैं। बाद में ये विद्यार्थी अपने कर्म, संस्कार और स्वभाव के अनुसार अपना रास्ता स्वयं चुनने में सक्षम रहते हैं। श्रद्धेय स्वामीजी का मानना है कि एक बच्चे में सुधार की संभावना हर गुजरते साल के साथ एक प्रतिशत कम होती जाती है और आम तौर पर हर पहलू से एक बच्चा हर साल एक प्रतिशत प्रबुद्ध होता है। लेकिन बौद्धिक प्रयासों की मदद से हम इस प्रबुद्धता को शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से एक से दस प्रतिशत तक विकसित कर सकते हैं।
    पतंजलि गुरुकुल में हमारा दृष्टिकोण शिक्षा में उत्कृष्टता का एक वैश्विक केंद्र बनाना है जो पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक ज्ञान को सहजता से एकीकृत करता है। हमारा लक्ष्य एक परिवर्तनकारी शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जहाँ छात्र दोनों की श्रेष्ठता को आत्मसात कर सकें-वैदिक ज्ञान की गहराई और विस्तृत समकालीन शिक्षा। हम अपने स्नातकों को प्राचीन ज्ञान के पथप्रदर्शक और आधुनिक प्रगति के अग्रदूत के रूप में देखते हैं, जो एक गतिशील दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए कौशल, मूल्यों और दृष्टिकोण से लैस हैं। समग्र विकास के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता और मानव विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा के साथ, हम ऐसा नेतृत्व विकसित करने की आकांक्षा रखते हैं जो मानवता के लिए एक सामंजस्यपूर्ण, समृद्ध और समावेशी भविष्य को आकार देते हैं।
विद्यार्थियों को प्रोत्साहन एवं छात्रवृत्ति- पतंजलि गुरुकुलम् में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छात्रों की योग्यतानुसार आकर्षक छात्रवृत्ति योजना है जिसमें शुल्क में २५ से ७० प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।
समग्र शैक्षणिक वातावरण- पतंजलि गुरुकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय परिसर प्राचीन संस्कृति, संस्कार, परंपराओं व नवाचार का सामंजस्यपूर्ण संगम है। ये अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षण संस्थान हैं जहाँ छात्र-छात्राओं के समग्र विकास के लिए एक उपर्युक्त वातावरण है। हम एक समग्र शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो योग, जीवन प्रबंधन कौशल और वैदिक परंपरा को पाठ्यक्रम में एकीकृत करता है।
पतंजलि में योग-आयुर्वेद पर अनुसंधान के लिए उपलब्ध सुविधाएँ- योग-आयुर्वेद पर अनुसंधान के लिए पतंजलि में सभी पैरामीटर्स पर अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पतंजलि रिसर्च फाउण्डेशन के तत्वाधान में योग-आयुर्वेद पर अनेकों विश्वविख्यात रिसर्च जर्नल्स में पतंजलि के शोध निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं। श्रद्धेय स्वामी जी के सान्निध्य में आयोजित योग शिविरों में लाखों-करोड़ों लोगों पर योग के व्यापक प्रभाव को आधुनिक विज्ञान की कसौैटी पर परखा गया है। साथ ही आयुर्वेद पर शोध करने के लिए उन्नत तकनीक और सुविधाएँ जिनमें छ।ठस्ए क्ैप्त्ए क्ठज् मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएँ शामिल हैं, जिनमें ब्ब्ैम्। द्वारा अनुमोदित पशु गृह और साथ ही अच्छी तरह से परिभाषित प्।म्ब्ए प्ठैब् और प्म्ब् संरचनाएँ हैं।
विश्वविद्यालय में उपलब्ध पाठ्यक्रम -
1. डी.लिट/डी.एस.सी.-
  • संस्कृत, (2)
  • दर्शन शास्त्र, (3)
  • योग विज्ञान
2.पी-एच.डी.पाठ्यक्रम-
  • योगविज्ञान,
  • संस्कृत, (3)
  • मनोविज्ञान, (4)
  • दर्शन शास्त्र ।
3. स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम-
  • एम.ए. योग,
  • एम.एस-सी. योग विज्ञान,
  • एम.ए. संस्कृतम् (साहित्य),
  • एम.ए. संस्कृतव्याकरणम्
  • एम.ए. मनोविज्ञान,
  • एम.ए. दर्शन,
  • एम.ए. योग एवं सांस्कृतिक पर्यटन,
  • मास्टर आॅफ स्पोर्टस साईस,
  • एम.एस-सी. बायोकेमिस्ट्री,
  • एम.ए. इतिहास ।
4. स्नातकोत्तर डिप्लोमा-
  • योगविज्ञान,
  • स्नातकोत्तर डिप्लोमा योग, स्वास्थ्य एवं सांस्कृतिक पर्यटन,
  • स्नातकोत्तर डिप्लोमा वैदिक दर्शन योग के साथ,
  • योग एवं आयुर्वेद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
5. स्नातक पाठ्यक्रम-
  • बी.ए. योग के साथ,
  • बी.एस-सी. योग विज्ञान,
  • बी.एस-सी.आॅनर्स (जैविक विज्ञान),
  •         बी.ए.आॅनर्स-संस्कृत व्याकरणम्,
  • बी.ए. दर्शन के साथ योग,
  • बी.पी.ई.एस. (शारीरिक शिक्षा एवं खेल),
  • बी.एस-सी माइक्रोबायलाजी,
  • बी.एन.वाई.एस. (प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा),
  • बी.पी.ए. (भरतनाट्यम नृत्य) ।
6. डिप्लोमा पाठ्यक्रम-
  • डिप्लोमा हिन्दुस्तानी (भारतीय) संगीत,
  • डी.एन.वाई.टी. (प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा),
  • शास्त्रीय नृत्य (भरतनाट्यम)।
7. सहायक पाठ्यक्रम-
  • संस्कृत इन्टरमीडिएट
8. स्नातक पाठ्यक्रम- बी.ए. (योग विज्ञान के साथ) का पाठ्यक्रम विवरणः
  • योग विज्ञान (अनिवार्य),
संस्कृत या मनोविज्ञान या पर्यटन (इन विषयों में से किन्हीं एक विषय का चयन अभ्यर्थी द्वारा किया जायेगा) 5 इतिहास ।

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