सम्मेलन: आज कोई खेल नहीं, पूरा मेल है: स्वामी जी महाराज

    कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के नाम पर हम सबको बांटा गया। मगर अब हम एकजुट होंगे। आज कोई खेल नहीं पूरा मेल है। परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि इधर मूंछ कट गई, सिर पर अलग-अलग रंग की टोपी आ गई, लेकिन यह टेªडिशन है। हम सब एक ही पूर्वज की संतान है। मादरे बतन बोलो या मातृभूमि है तो एक ही समान। उन्होंने कहा कि जो अज्ञानता को दूर करे वह ब्राह्मण है, जो अन्याय को दूर करे वह क्षत्रिय है, जो अभाव को दूर करे वह वैश्य है और जो अपवित्रता को दूर करे और शुचिता लाए वह निचली जाति है। मगर लोगों ने अर्थ का अनर्थ कर डाला। आर्य समाज का पहला सिद्धांत समाज को वेदों की और ले जाने का है। वेद अर्थ प्रकाश, वेदों में कोई भेद नहीं है। मगर लोग आरोप लगाते हैं कि सनातनी स्त्री और समाज में सबसे निचली जातियों को नहीं पढ़ाते। मैं किसी को छोटा नहीं मानता, लेकिन हमने सबसे ज्यादा निचली जातियों, आदिवासियों और स्त्रियों को वेद पढ़ाए हैं। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि जितने भी संत हुए हैं उन्होंने ढोंग, आडंबर, अंधविश्वास, ऊंच-नीच, भेद-भाव के खिलाफ झण्डा बुलंद किया है और महर्षि दयानन्द सरस्वती ने इन सब कुरीतियों के खिलाफ सबसे ऊंचा झण्डा किया है। मंच का संचालन कार्यक्रम अध्यक्ष सम्पूर्णानन्द सरस्वती और मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक श्रीप्रकाश मिश्र ने सम्भाला।

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