पतंजलि में धन्वंतरि जयंती (आयुर्वेद दिवस) मनाया गया

आयुर्वेद को सर्वविद् रूप में सर्वव्यापी व विश्वव्यापी बनाने का अभियान पतंजलि से गतिमान है: आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि में धन्वंतरि जयंती (आयुर्वेद दिवस) मनाया गया

    हरिद्वार। पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय) के तत्वाधान में धन्वंतरि जयंती की पूर्व संध्या पर आयुर्वेद दिवसकार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि आयुर्वेद को सर्वविद् रूप में सर्वव्यापी व विश्वव्यापी बनाने का महान अभियान पतंजलि के माध्यम से गतिमान है। उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि जब तक इस धरा पर पतंजलि का एक भी विद्यार्थी है तब तक आयुर्वेद की प्रतिष्ठा पर आँच नहीं आने देंगे।
   उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस विधा से आप जुड़े हैं उसमें अनादिकाल से बहुत सामथ्र्य, शक्ति व प्रभाव है। आप इस कालजयी व्यवस्था के कालातीत पद्धति के संवाहक हैं, आप पतंजलि से जितना भी ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं उसे मानवता की सेवा में समर्पित करें। आज बड़े-बड़े अस्पतालों में आयुर्वेद के डिविजन खोले जा रहे हैं जो मात्र एक कमरे तक ही सीमित हैं। यहाँ आयुर्वेद को छोटा बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। यह आयुर्वेेद की प्रतिष्ठा नहीं आयुर्वेद को लेकर बड़ा षड्यंत्र है। इस अवसर पर पूज्य आचार्य जी महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ स्थित हाॅस्पिटल अब इंटिग्रेटिड मेडिसिन सिस्टम का सबसे बड़ा केन्द्र बनने जा रहा है। यहाँ रेडियोलाॅजी, पैथोलाॅजी से लेकर सभी इमरजेंसी सुविधाओं की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। हमने यदि यह सब नहीं किया तो आयुर्वेद को कुचल दिया जाएगा।
     इस अवसर पर पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उत्तराखण्ड में परीक्षाओं में अग्रणी रहने पर पुरुस्कृत किया गया। इनमें इस वर्ष 2019 बैच की रिया गर्ग, गत वर्ष 2019 बैच के देवांश सिंह राजपूत, प्रीति बुगाना, 2020 बैच से क्लास रेंक-1 में ज्योति शर्मा, दिव्या को क्लास रेंक-2, याशिका सैनी क्लास रैंक-3 उच्च अंक प्राप्त करने हेतु पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार, डाॅ. प्रत्युष सिंह, डाॅ. दयाशंकर सिंह, डाॅ. अरूण पाण्डे, डाॅ. राजेश मिश्र, डाॅ. श्वेता साहनी, डाॅ. विभूति व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
 

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