व्यक्ति, समाज, राष्ट्र व विश्व की समस्याओं का समाधान श्रीमद्भागवद् गीता में समाहित: श्री अमित शाह जी
जीवन और आचरण में बसी हुई है गीता: प.पूज्य स्वामी जी महाराज
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कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने कहा कि व्यक्ति] समाज] राष्ट्र व विश्व की समस्याओं का समाधान श्रीमद्भागवद् गीता में समाहित है। इस महोत्सव से देश-विदेश में गीता का शाश्वत संदेश पहुंच रहा है। इस संत सम्मेलन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी] मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी ने शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर में परंपरा अनुसार पूजा अर्चना की और शक्तिपीठ के पीठाधीश सतपाल शर्मा महाराज ने पूजा अर्चना करवाई। केंद्रीय गृह मंत्री ने संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि लगभग 5000 साल से ज्यादा समय पहले कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से गीता का संदेश दिया था। उस संदेश को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से पूरे विश्व में स्थापित करने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक विद्वान ने कहा था कि गीता का ज्ञान] हर जगह फैलाने में सफल हों और इसकी स्वीकृति हो] तो विश्व में कभी युद्ध नहीं हो सकता। लेकिन असल मायने में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित करने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए यह ज्ञान दिया था। मगर वह युद्ध अपने लिए नहीं] बल्कि पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और सर्वसमाज के कल्याण के लिए था। केंद्रीय गृह मंत्री ने गीता के शाश्वत संदेश का जीवन में महत्व समझाते हुए बताया कि मेरे जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आए] लेकिन बचपन से ही माँ ने गीता सिखाई] इसलिए जीवन में कभी निराशा व दुःख का अनुभव नहीं हुआ।
जीवन और आचरण में बसी हुई है गीता: पू.स्वामी जी महाराज
योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि हमारे जीवन और आचरण में गीता बसी हुई है। गीता में सब की गहरी निष्ठा है। मा.प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी राष्ट्र प्रथम की कत्र्तव्य परायणता के साथ 365 दिन राष्ट्र के लिए जीते हैं। पूरे भारत को इस पर गर्व है। मा.प्रधानमंत्री जी 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा, आशा विश्वास के साथ विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाकर देश की समृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं। मा.प्रधानमंत्री जी के सपनों को देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने मूर्त रूप देने का काम किया है। उन्होंने जिस विनयशीलता शौर्य] वीरता और पराक्रम के साथ हिंदुत्व होने, सनातनी और राष्ट्र प्रेम के प्रति अपार श्रद्धा व्यक्त की है वह देश और हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने देश के लिए कठोर निर्णय लेने का संकल्प लिया है और कभी अपने मूल्य और सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। वह दिन दूर नहीं जब गीता महोत्सव का प्रवाह ऐसे ही निरंतर आगे बढ़ता रहेगा।
पूरे विश्व में प्रेरणा प्रेरक के रुप में पहचान बना चुका है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव: स्वामी ज्ञानानंद
गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननन्द जी महाराज ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र] हरियाणा या पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रेरणा बन अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान बन चुका है। जिसकी गूंज पूरे विश्व में हो रही है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती का दिन सभी के लिए महत्वपूर्ण है। भागवत गीता पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र का गौरव व पहचान बनी है। समाज की गीता के प्रति सोच बदली है क्योंकि गीता हिंदुओं का ही ग्रंथ नहीं है बल्कि पूरे समाज का ग्रंथ बना है। समाज में अराजकता] तनाव] दबाव इत्यादि वैश्विक समाधान को ढूंढने में गीता उत्सुक प्रेरणा और जागरूकता पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के कारण ऐसे-ऐसे संकल्प सिद्ध हुए हैं जिन्हें हम सोच भी नहीं सकते थे। राम मंदिर बनना भी सबके लिए सपना था और इस राम मंदिर के सपने को साकार करने में मा.प्रधानमंत्री जी और श्री अमित शाह जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 22 जनवरी को पूरे देश में अपनी सनातनी सोच को पूरा करने और उल्लास के अवसर का दिन रहेगा क्योंकि इस दिन अयोध्या में रामलला सम्मानजनक स्थान लेंगे।
लौह पुरुष की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ले रहे हैं देश की एकता के लिए निर्णय: श्री मनोहर लाल खट्टर जी
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आगमन करने पर प्रदेश की 2-80 करोड़ लोगों की ओर से स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2014 से भारत सरकार का संचालन भारतीय संस्कृति के अनुसार किया जा रहा है। मा.प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह आसान तरीके से जटिल मुद्दों को सुलझा लेते हैं। आजादी के बाद 75 वर्षों से प्रचलित गुलामी के चिन्हों को एक-एक करके हटाकर देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को लौह पुरुष की संज्ञा देते हुए शुभकामनाएं दी।
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