गीता एक ऐसा ग्रंथ जो प्रत्येक पल को जीने का करवाता है एहसास : पूज्य स्वामी अवधेषानंद गिरी जी महाराज
व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए: पूज्य स्वामी जी महाराज
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कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2020 के उपलक्ष्य में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद्भगवद गीता सदन सभागार में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री श्री रत्नलाल कटारिया जी ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इससे पहले संत सम्मेलन में हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम के चेयरमैन एवं भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री सुभाष बराला जी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरूआत हुई है। कुरुक्षेत्र गौरवशाली भूमि है, इस महोत्सव में बड़ी संख्या में नागरिक आते हैं लेकिन कोविड-19 की वजह से इस बार गीता महोत्सव नियमानुसार ही आयोजित किया गया है।
संत सम्मेलन में योगर्षि पूज्य स्वामी रामेदव जी महाराज ने कहा कि हम सब एक ईश्वर की संतान है। हर पल भगवान काम करने की शक्ति देता है, इसलिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आचरण ही गीता है जिसका आचरण अच्छा नहीं है उसके लिए सब कुछ बेकार है। उन्होंने बताया कि उनके यहाँ हरिद्वार में 3 साल से लेकर 5 साल तक के बच्चे को गीता याद है और प्रतिदिन गीता पाठ करते है। उन्होंने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के स्वर में गीता पर जानकारी भी दी। उन्होंने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य व मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर जी को साधुवाद देते हुए कहा कि कोविड-19 के होने के कारण भी महोत्सव का बहुत अच्छा आयोजिन नियमानुसार किया गया है। हरियाणा में योग आयोग बनाने की बधाई भी दी और बताया कि 22 जिलों में ध्यान योग शिविर चल रहे है तथा श्लोकों उच्चारण प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जा रहा है।
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गीता के ज्ञान को जीवन में करना चाहिए आत्मसात: स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा कि महर्षि शुक्ल एकादशी है इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि अनेक वर्षों से कुरुक्षेत्र में गीता उत्सव होता था, लेकिन पिछले 6 वर्षों से गीता उत्सव अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव स्तर पर मनाया जा रहा है, यह अपने आप में दिव्य है। सभी को गीता के ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
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