शिलान्यास : पतंजलि ने अरुणाचल में पाम ऑयल मिल की नींव रखी, पूर्वोत्तर भारत में 38,000 हेक्टेयर पर वृक्षारोपण का लक्ष्य
पतंजलि की योजना से अरुणाचल में आर्थिक मजबूती आयेगी: श्री तागे ताकी जी
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नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में पाम आयल प्लांटेशन शुरू करने के उद्देश्य से, पतंजलि फूड्स को राज्य के पूर्वी सियांग जिले में एक पाम ऑयल मिल की स्थापना की आधारशिला रखेगा। पतंजलि फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने भूमि पूजन के बाद अरुणाचल प्रदेश के विभागीय मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में शिलान्यास कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। परम पूज्य आचार्य जी ने कहा कि पतंजलि फूड्स लि. ने अरुणाचल के नौ जिलों में किसानों के साथ मिलकर 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पाॅम ऑयल प्लांटेशन की योजना पर काम कर रही है। हमने पासीघाट और होलांगी में पहले ही दो नर्सरी स्थापित कर ली हैं और खेरम, एफटीसी और दीपा में लोअर सियांग जिले में तीन और नर्सरी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। कंपनी का मानना है कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगा और किसानों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार पैदा करेगा। कंपनी का इरादा खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-ऑयल पाम के तहत देश भर में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पाॅम ऑयल प्लांटेशन की खेती करने की परियोजना है, जिसमें से 3.2 पूर्वाेत्तर क्षेत्र में होगा। पतंजलि का अनुमानित वार्षिक पाम तेल उत्पादन 7.5 लाख टन 10,500 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा होने का अनुमान है। इस पूर्वोत्तर पाॅम ऑयल कार्यक्रम में अगले 30 वर्षों में अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा। साथ ही स्थानीय किसानों को भी फायदा मिलेगा।
अरुणाचल प्रदेश के मंत्री श्री तागे ताकी जी ने कहा कि केन्द्र सरकार की पहल से इस परियोजना से औसतन लगभग 7.5 लाख मीट्रिक टन पाॅम तेल का वार्षिक उत्पादन होगा और लगभग 5.8 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा व्यय में अनुमानित लगभग 10,500 करोड़ रुपए की सालाना बचत होगी। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, ओडिश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे 11 राज्यों के 55 जिलों में पतंजलि का पाॅम ऑयल प्लांटेशन हो चुका हैं। सूत्रों के अनुसार 43 हजार किसान परिवारों के साथ पाॅम ऑयल प्लांटेशन के तहत 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पतंजलि पूरे देश में अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के कारण हर घर की पहली पसंदीदा कम्पनी बन गई है। पतंजलि पूर्वोत्तर के विकास के सपनों को साकार करने की दिशा में काफी तेजी से साथ आगे बढ़ रही है। अगस्त 2021 में प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन - ऑयल पाम (छडम्व्.व्च्), पूर्वाेत्तर क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीपों पर विशेष ध्यान देने वाली एक नई केंद्र प्रायोजित योजना शुरू करने की मंजूरी दी। विशेष रूप से, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और वनस्पति तेल का नंबर एक आयातक है, और यह अपनी जरूरत का 55-60 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा करता है। यद्यपि भारत में तिलहन का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है, उत्पादन इसकी खपत से पिछड़ गया है, जिसके परिणामस्वरूप आयात पर निरंतर निर्भरता बनी हुई है।
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