जीवन को आगे बढ़ाते हैं अनुशासन और संस्कार: डाॅ. देवप्रिया
सम्मानित: सिरमौर कला संगम ने ददाहू में 11 लोगों को किया सम्मनित
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सिरमौर (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम ने ददाहू के बायरी में 64वां वार्षिक महा अलंकरण समारोह आयोजित किया। इस दौरान कला, साहित्य, लोकगीत, समाजसेवा, संगीत आदि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 11 लोगों को सम्मानित किया गया।
समारोह में पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार की विभागाध्यक्षा एवं मुख्य केन्द्रीय प्रभारी (महिला पतंजलि योग समिति) पूज्या साध्वी डाॅ. देवप्रिया जी ने कहा कि- नियम, अनुशासन और संस्कार ही मनुष्य के जीवन को आगे बढ़ाते हैं। स्वास्थ्य, सेवा व संस्कार के लिए अपने शरीर का आकलन स्वयं करके देखें।
विकार व बुराई स्वतः उभर कर सामने आएगी। मनुष्य अपने जीवन में समय की कटिबद्धता को समझें। उन्होंने कहा कि भारत स्वाभिमान का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में शिक्षा, स्वास्थ्य व सेवा को मजबूत करके लोगों को बेहतर जीवन जीने की राह पर ले जाना है। आने वाले दौर में आयुर्वेद व योग के बल पर ही जीवन को जीता जा सकेगा। इस का परिणाम कोरोना काल में भारत को मिल भी चुका है। पू.साध्वी जी ने कहा कि शरीर का मरना निश्चित हैं, लेकिन यह मनुष्य पर आधारित है वह अपने शरीर को किस दिशा मंे मृत्यु की राह पर धकेलता है। उन्होंने कहा कि आगामी 20 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आने वाली है। नई शिक्षा पद्धति के तहत बचपन से ही देश के हर बच्चे को संस्कारी, शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक व आर्थिक तौर पर शिक्षित किया जाएगा।
उनका संगठन इस कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि देशभर में 15 लाख व हिमाचल प्रदेश में 9,000 महिलाएं उनके संगठन से जुड़कर अपने लक्ष्य पर निकल पड़ी हैं। इसके सार्थक परिणाम भी शीघ्र देखने को मिलेंगे।
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