एम.एस.एम.ई. सेक्टर में पतंजलि की अहम भूमिका : नारायण राणे

देश के विकास की राह गांवों से गुजरती है: पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज

एम.एस.एम.ई. सेक्टर में पतंजलि की अहम भूमिका : नारायण राणे

   ग्रामीण एवं एम.एस.एम.ई. के विकास में पतंजलि द्वारा किए जाने वाले योगदान एवं सरकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के संदर्भ में परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने नई दिल्ली में कैबिनेट मंत्री सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय] भारत सरकार माननीय श्री नारायण तातू राणे जी व राज्य मंत्री] सुक्ष्म] लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय] भारत सरकार श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा जी के साथ विस्तृत वार्ता की।
    वार्ता के दौरान माननीय मंत्री श्री राणे जी ने परम पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व में पतंजलि द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गांव के विकास के लिए पतंजलि के द्वारा और बड़ी भूमिका का निर्वहन करने की आवश्यकता है। पतंजलि देश के विकास के लिए गांव के विकास के लिए कृत संकल्प है तथा एम.एस.एम.ई. सेक्टर में पतंजलि की अहम भूमिका है।
   इस अवसर पर परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले एम.एस.एम.ई. सेक्टर में पतंजलि की अहम भागीदारी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि पतंजलि की सेवाओं का विस्तार उत्तराखण्ड के दुर्गम पहाड़ों से लेकर नाॅर्थ ईस्ट के गांवों तक फैला है। हमने दुर्गम व पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित कर समृद्धि के द्वार खोले हैं तथा गांवों से पलायन रोका है। परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि देश के विकास की राह गांव से होकर ही गुजरती है] अतः हमें अपने गांवों को समृद्ध करना होगा।

Advertisement

Latest News

एजुकेशन फार लीडरशिप का शंखनाद एजुकेशन फार लीडरशिप का शंखनाद
राष्ट्रभक्त बुद्धिजीवियों को विश्व नेतृत्व के लिए तैयार करने की योजना -       पतंजलि विश्वविद्यालय के विश्वस्तरीय वृहद सभागार में आयोजित...
उपलब्धियां : NCISM द्वारा जारी रेटिंग में पतंजलि आयुर्वेद कालेज A-ग्रेड के साथ टाप-20 में शामिल
MOU :  स्वस्थ्य भारत के लक्ष्य की ओर पतंजलि का एक कदम
उपनयन संस्कार : पतंजलि आयुर्वेद कालेज में शिक्षारम्भ व उपनयन संस्कार समारोह सम्पन्न
बंगाल इंजीनियर ग्रुप (BEG) के उच्च अधिकारियों का पतंजलि भ्रमण, संस्थान के सेवा कार्यों को सराहा
शोक संदेश
कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विवि में शास्त्रभारती व्याख्यान