युवा भारत विद्यार्थी संस्कार शिविर
युवा भारत विद्यार्थी संस्कार शिविर दिनांक 11 से 17 अप्रैल, 2020 वैदिक काल से लेकर आधुनिक भारत के स्वाधीनता आन्दोलनों एवं आधुनिक भारत के सृजन में सर्वाधिक योगदान युवाक्रांतिकारियों का रहा है। शहीदे आजम भगत सिंह, उधमसिंह, मदन लाल ढींगरा, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, चैन्नमा जैसे क्रान्तिकारी युवाओं ने अपने साहस एवं शौर्य से क्रान्ति करते हुए स्वदेशी का स्वाभिमान रखते हुए, महान वैदिक सभ्यता की जन्मभूमि भारत को विदेशी गुलामी की दास्तां से आजाद करवाया। विदेशी शासन से तो 70 साल पहले हमने मुक्ति…
युवा भारत विद्यार्थी संस्कार शिविर
दिनांक 11 से 17 अप्रैल, 2020
वैदिक काल से लेकर आधुनिक भारत के स्वाधीनता आन्दोलनों एवं आधुनिक भारत के सृजन में सर्वाधिक योगदान युवाक्रांतिकारियों का रहा है। शहीदे आजम भगत सिंह, उधमसिंह, मदन लाल ढींगरा, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, चैन्नमा जैसे क्रान्तिकारी युवाओं ने अपने साहस एवं शौर्य से क्रान्ति करते हुए स्वदेशी का स्वाभिमान रखते हुए, महान वैदिक सभ्यता की जन्मभूमि भारत को विदेशी गुलामी की दास्तां से आजाद करवाया।
विदेशी शासन से तो 70 साल पहले हमने मुक्ति पा ली थी। आज देश, राजनैतिक गुलामी से मुक्ति के बाद, अब विदेशी कम्पनियों की आर्थिक लूट व शैक्षणिक गुलामी के षड्यन्त्र से देश को मुक्ति दिलाने तथा आर्थिक स्वाधीनता व सांस्कृतिक आजादी हेतु छटपटाता सा महसूस कर रहा है। माँ भारती के गौरव पुत्र, तपोमूर्ति संन्यासी श्रद्धेय स्वामी जी महाराज एवं आयुर्वेद शिरोमणी कर्मयोगी पूज्य आचार्य श्री ने निष्काम व निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा का विराट संकल्प ंिलया है। योग से स्वस्थ भारत एवं स्वदेशी से समृद्ध भारत के निर्माण हेतु इस दिव्य अभियान का हिस्सा बनने के लिए सब देशभक्त, जागरूक व स्वाभिमानी युवा भाई-बहनों को, प्रेरित करना चाहिये, आज इस विश्व में सर्वाधिक युवा शक्ति सम्पन्न देश भारत है। इस युवा शक्ति को आध्यात्मिक, साहसी, कर्मयोगी बनाने की आवश्यकता है। आज भारत में 65 प्रतिशत जनसंख्या युवा भाई-बहनों की है। एक सबल एवं सांस्कृतिक ‘‘दिव्य भारत-भव्य भारत’’ के स्वप्न को पूर्ण करने के लिए राष्ट्रचेतना से ओतप्रोत युवा भाई-बहनों के निर्माण, प्रशिक्षण एवं उन्हें योगव्रती, गोव्रती एवं स्वदेशीव्रती बनाने के उद्देश्य से 7 दिवसीय ‘‘युवा भारत विद्यार्थी संस्कार शिविर’’ का आयोजन पतंजलि योगपीठ-द्वितीय चरण, हरिद्वार में किया जा रहा है। चयन करते हुये केवल स्वस्थ समर्पित युवाओं को तप, त्यागमय जीवनयापन करने एवं आश्रम में पूर्व अनुशासन से रहने का निर्देश देकर भेंजे।
सात दिवसीय युवा संस्कार शिविर की तिथियाँ- दिनांक: 11 (शनिवार) से 17 अप्रैल (शुक्रवार) 2020 तक।
आगमन: 10 अप्रैल (शुक्रवार), 2020 सायं 07 बजे तक। प्रस्थान: 18 अप्रैल, (शनिवार), 2020 को प्रातः 6.00 बजे से।
शैक्षणिक योगयता: 12वीं, स्नातक, परास्नातक (जिन्होंने पढ़ाई पुरी कर ली हैं)।
आयु: 18 से 25 वर्ष अधिकतम अविवाहित (इस वर्ष 10वीं परीक्षा में शामिल प्रतिभागी भी शिविर में आ सकते हैं अपने साथ परीक्षा प्रवेश-पत्र (एडमिट कार्ड) अवश्य लायें)।
प्रतिभागी चयन का दायित्व: सभी संगठन के राज्य/जिला/तहसील कार्यकारिणी के पदाधिकारी उसमें विशेष रूप से युवा भारत के प्रभारी गण इस कार्य को निष्पादन करने के लिए आस-पास के उच्च विद्यालय/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयों तथा सभी योग कक्षा, ग्राम/प्रखण्ड में प्रवास, सम्पर्क व संवाद करें तथा उन्हें पतंजलि योगपीठ की सेवाओं, योजनाओं, प्रकल्पों (वैदिक गुरुकुलम्/वैदिक कन्या गुरुकुलम्) व हरिद्वार प्रशिक्षण की उपयोगिता के वर्तमान और भविष्य के बारे में बतातें हुये युवा संस्कार शिविर में आने के लिए प्रेरित व चयनित करें।
कहाँ से चयन करें: प्रत्येक जिला से 15 भाई-बहनों का चयन इस प्रकार करें कि जिलें के प्रत्येक तहसील से दो भाई/बहन का चयन अवश्य हो पाये अर्थात् अनुमान्तः 6 से 9 तक तहसील हर जिला में है, प्रत्येक जिलें से 15 युवा भाई-बहन आमंत्रित हैं। 15 से ज्यादा प्रतिभागी होने पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु समर्पित, सक्रिय, शारीरिक-बौद्धिक दृष्टि से समर्थ प्रतिभागी को प्राथमिकता देवें।
शिविर पूर्व प्रशिक्षण एवं अनुशासन: युवा भाई-बहनों को मुख्यालय शिविर से पहले जिला या तहसील स्तर पर व्यवस्थित योग कक्षा में बुलाकर 3 दिन का प्रशिक्षण, योग का प्रारम्भिक पैकेज/संगठन/संस्थान/अनुशासन/मर्यादा/शविर की दिनचर्या आदि की प्रारम्भिक जानकारी व प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से देकर ही भेजें।
विशेष: जो युवा भाई-बहन पहले कभी हरिद्वार शिविर में नहीं आयें हैं ऐसे नये युवा भाई-बहनों का ही चयन करें शिविर में केवल युवा प्रतिभागी ही आमंत्रित हंै।
खर्च: जो युवा ‘दिव्य भारत’ के निर्माण में अपनी आहूति अर्पित करना चाहते हैं उन्हें प्राथमिकता के साथ अवश्य भेजें। जो प्रतिभागी आर्थिक दृष्टि से सक्षम नहीं हैं पर पूज्य श्री के सान्निध्य में रहकर सेवा देने की उत्कृष्ट इच्छा है उन्हें जिला के कोई दानी सज्जन के सौजन्य से यात्रा-व्यय आदि की सुविधा उपलब्ध करा देवें।
यात्रा आरक्षण: हरिद्वार शिविर हेतु टेªन में सीट आरक्षण समय से करा लेवें यदि आरक्षण नहीं मिल पाता है तब भी जिले के युवा-प्रभारी विद्यार्थियों को अपने साथ जनरल डिब्बे में भी लेकर अवश्य आयें। परम श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने भी लगभग 10 वर्षों तक टेªन में बिना आरक्षित सीट के ही यात्रा कर राष्ट्र सेवा व मानव सेवा का कार्य किया है।
राज्य प्रतिनिधि: राज्य कार्यकारिणी के एक भाई या बहन राज्य प्रतिनिधि के रूप में शिविर में आयें जो अपने राज्य से आये शिविरार्थी भाई-बहनों की देखरेख एवं शिविर व्यवस्था में सहयोग कर सकें।
सावधनियाँ: प्रतिभागी भाई-बहन अपने साथ कोई कीमती सामान न लायें, अपने साथ एक ऐसा बैग लायें जिसमें छोटा ताला लगा सकें। अपने समान की देख-रेख स्वयं करें संस्था उत्तरदायी नहीं रहेगी। अपने साथ एक चद्दर अवश्य लायें।
आवास व्यवस्थाः युवा भाईयांे की आवास व्यवस्था, सामूहिक रूप से हाॅल में रहेगी एवं बहनों का आवास कक्ष में रहेगी।
साथ लायें: क. प्रतिभागी अपने साथ आधर कार्ड (1 सेट पफोटो काॅपी)।, ख. 5 पासपोर्ट साईज फोटो।, ग. शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की फोटो काॅपी।, घ. असम प्रांत के प्रतिभागी अपना वोटर कार्ड लाये (1 सेट फोटो काॅपी)। ड़. बच्चें अथवा बीमार को साथ नहीं लायें।