देश की चुनौतियों से उबारने में संतों की भूमिका अहम
पट्टाभिषेक : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज बोले तप और श्रद्धा आध्यात्मिक जीवन के हैं बड़े तत्त्व, सुयोग्य शिष्य से संत को होती सबसे अधिक प्रसन्नता….. हरिद्वार (30 अप्रैल, 2019)। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि देश कई चुनौतियों से घिरा है। कृषि, शिक्षा और चिकित्सा भी खतरे में है। धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। युवा पीढ़ी नशे की आदी हो रही है। परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में संत समाज की भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण हो गई है। महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव ने कहा कि…
पट्टाभिषेक : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज बोले तप और श्रद्धा आध्यात्मिक जीवन के हैं बड़े तत्त्व, सुयोग्य शिष्य से संत को होती सबसे अधिक प्रसन्नता…..
हरिद्वार (30 अप्रैल, 2019)। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि देश कई चुनौतियों से घिरा है। कृषि, शिक्षा और चिकित्सा भी खतरे में है। धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। युवा पीढ़ी नशे की आदी हो रही है। परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में संत समाज की भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण हो गई है। महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव ने कहा कि जिस स्थान पर संत एकत्र होते हैं वह स्थान बैकुण्ड के समान पवित्र हो जाता है। स्वामी कृष्णदेव को आशीर्वाद प्रदान करते हएु उन्होंने कहा कि गुरु परम्परा को मजबूत करें। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि तप और श्रद्धा आध्यात्मिक जीवन के बड़े तत्व है। चुनौतियों के बीच अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना ही तप है। आज राष्ट्र में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक सभी क्षेत्रों में चुनौतियां हैं। इससे पार पाने के लिए राष्ट्र, राज सत्ता से ज्यादा धर्मसत्ता से अपेक्षा कर रहा है। ऐसे में आज प्रामाणिक साधु संतों की आवश्यकता है। निःसंदेह भारत 2040-50 तक सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करेगा। कहा संतों के आशीर्वाद से ही भारत अतीत के गौरव को प्राप्त करेगा। भूपतवाला स्थित ब्रह्मनिवास आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी परमात्देव के स्वर्ण जयंती महोत्सव और स्वामी कृष्णदेव महाराज के पट्टाभिषेक अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत को सबसे अधिक प्रसन्नता सुयोग्य शिष्य मिलने पर होती है। स्वामी कृष्णदेव के रूप में स्वामी परमात्मदेव को सुयोग्य शिष्य मिला है। विद्वान संत के रूप में स्वामी कृष्णदेव महाराज स्वामी परमात्मदेव के संकल्पों को पूरा करेंगे। नवनियुक्त उत्तराधिकारी स्वामी कृष्णदेव महाराज सौंपा गया है उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे। महामंडलेश्वर डाॅ. स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री, महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि श्रीमहंत विनोद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद गिरी, स्वामी हरिचेतनानंद जी, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी आलोकगिरी, स्वामी शिवानन्द भारती, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत मोहन सिंह, महंत तीर्थ सिंह, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी ललितानंद गिरी, साध्वी रमादेवी, योगी श्रद्धानंद आदि मौजूद रहे।