बैठक: आर्य समाज नारसन कलां के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि ने कहा कि हमेशा ‘‘सत्य की राह पर चले दयानन्द जी’’

बैठक: आर्य समाज नारसन कलां के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि ने कहा कि हमेशा ‘‘सत्य की राह पर चले दयानन्द जी’’

‘‘ओम’’ से बड़ा कोई नाम नहीं: श्रद्धेय स्वामी जी महाराज नारसन (हरिद्वार)। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि महर्षि दयानन्द जी ने आर्य समाज की स्थापना कर सोते हुए देश को जगाने का काम किया। इस समाज का मकसद ही संसार का उपकार करना है। ओम से बड़ा कोई नाम नहीं और गायत्री से बड़ा कोई मंत्र नहीं है। आर्य समाज मंदिर नारसन कलां के 81वें वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि महर्षि दयानन्द जमाने की परवाह…

‘‘ओम’’ से बड़ा कोई नाम नहीं: श्रद्धेय स्वामी जी महाराज

नारसन (हरिद्वार)। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि महर्षि दयानन्द जी ने आर्य समाज की स्थापना कर सोते हुए देश को जगाने का काम किया। इस समाज का मकसद ही संसार का उपकार करना है। ओम से बड़ा कोई नाम नहीं और गायत्री से बड़ा कोई मंत्र नहीं है।

आर्य समाज मंदिर नारसन कलां के 81वें वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि महर्षि दयानन्द जमाने की परवाह किए बगैर सत्य की राह पर चलते रहे और लोगों को संस्कार करने की लगातार सीख दी। उन्होंने कहा कि संसार का उपकार करना ही आर्य समाज का असली मकसद है देश संस्कारवान और चरित्रवान बने। इस मिशन को चलाने वाला आर्य समाज है।

उन्होंने कहा कि विचार ही इंसान को अच्छा और बुरा बनाती है। महर्षि दयानन्द ने देश को अच्छा विचार दिया। इसके बाद देश में आजादी की जंग लड़ी। उन्होंने कहा कि वह भी महर्षि दयानन्द के बताए मार्ग पर चल रहे हैं। लोगों को जागृत करने के लिए उन्होंने भी अभी तक करीब बीस लाख किलोमीटर की यात्रा की है। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने देखा ना कोई दूजा, ऋषिवर तेरे जैसा। एक और सारी दुनिया एक और वह अकेला, दुनिया के हर सितम को मर्दानगी से झेला। भजन के माध्यम से लोगों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि नियमित रूप से योगाभ्यास करें, संस्कारवान बने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें। वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखंेगे तभी जीवन सफल हो पाएगा। इस मौके पर स्वामी सत्यानन्द, स्वामी यजमुनि, घनश्याम प्रेमी, आजाद, निकिता, प्रवेश, राजीव, जितेंद्र, अतुल, आनन्द स्वरूप, जयपाल आदि मौजूद थे। -साभारः हिन्दुस्तान’

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद अमृत आयुर्वेद अमृत
    आयुर्वेद शाष्यत है, अनादि है किंतु पे लगभग 2000 वर्ष पूर्व आयुर्वेद काल, समय, स्थिति के कारण पिछड़ गया
78वां स्वतंत्रता दिवस  :  देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर  पतंजलि योगपीठ में ध्वजारोहण....
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट को मिला NCVET का Accreditation
बौद्धिक शिविर : पतंजलि योगपीठ में नेपाल राष्ट्र के बौद्धिक वर्ग के प्रबुद्धजनों के लिए ‘प्रबुद्धजन योग विज्ञान शिविर’ का आयोजन
अमेरिका के रिसर्च जर्नल Scientific Reports के अनुसार आयुर्वेदिक  औषधि  रीनोग्रिट है किडनी रोगो के लिए है प्रभावशाली उपचार आयुर्वेद सत्य है, यह एक तथ्य है, क्योंकि अनुसंधान का प्रमाण है -पू.आचार्य श्री
पतंजलि विवि में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ
विचार संगोष्ठी :  हरिद्वार में युवाओं में नैतिकता और आध्यात्मिकता जगाने पर जोर