वैदिक शिक्षा बोर्ड: वैदिक शिक्षा के लिए मिली मंजूरी, शुरू होगा ठैठ बोर्ड, योगर्षि स्वामी जी महाराज होगे अध्यक्ष

वैदिक शिक्षा बोर्ड: वैदिक शिक्षा के लिए मिली मंजूरी, शुरू होगा ठैठ बोर्ड, योगर्षि स्वामी जी महाराज होगे अध्यक्ष

गुवाहटी (असम)। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (MSRVVP) की गवर्निंग काउंसिल ने वैदिक शिक्षा के लिए देश का पहला स्कूल बोर्ड स्थापित करने के लिए योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के पतंजलि योगपीठ को आधिकारिक रूप से चुना है। यानी भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई हैं। वहीं इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार पहले ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) के चेयरपर्सन योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज होंगे, इस वैदिक यूनिवर्सिटी का संचालन श्रद्धेय स्वामी…

गुवाहटी (असम)। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (MSRVVP) की गवर्निंग काउंसिल ने वैदिक शिक्षा के लिए देश का पहला स्कूल बोर्ड स्थापित करने के लिए योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के पतंजलि योगपीठ को आधिकारिक रूप से चुना है। यानी भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई हैं।

वहीं इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार पहले ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) के चेयरपर्सन योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज होंगे, इस वैदिक यूनिवर्सिटी का संचालन श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की कम्पनी पतंजलि की ओर से किया जाएगा। वहीं पतंजलि के चयन के साथ, मान्यता प्राप्त होने वाला पहला निजी स्कूल बोर्ड होगा, वहीं किसी भी स्कूल में बोर्ड की तरह, BSB सिलेबस का मसौदा तैयार करेगा, वहीं परीक्षा आयोजित की जाएगाी और एफिलिएटिड स्कूलों को प्रमाण-पत्र जारी किए जाएंगे।

हालांकि, केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी अध्यक्षता वाली MSRVVP गवर्निंग काउंसिल ने यह भी निर्णय लिया कि पतंजलि की ओर से संचालित ठैठ वैदिक शिक्षा को आधुनिक शिक्षा के लिए एफिलिएटिड स्कूलों में पेश करेगा। 11 फरवरी को MSRVVP की ओर से जारी किए गये एक्सप्रेशन आॅफ इंट्रेस्ट (EOI) के अनुसार, BSB का अर्थ था ‘‘वैदिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, शिक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय पारम्परिक ज्ञान, भारतीय कला और भारतीय परम्परा और संस्कृत जैसे पारम्परिक ज्ञान प्राप्त करना है।’’

गौरतलब है कि साल 2015 में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने सरकार को वैदिक शिक्षा के लिए एक स्कूल बोर्ड स्थापित करने के लिए प्रेरित किया था। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए संसोधन का निवेदन किया। उसके बाद 2016 में श्रीमती स्मृति ईरानी जी ने वेद विद्या के इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था।

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