पतंजलि योगपीठ में जैविक कृशि प्रषिक्षण का समापन
पतंजलि के ड्डषि आधारित अनुसंधान, जैविक ड्डषि प्रशिक्षण तथा ड्डषि संबंधी गतिविधियों का लाभ देश के किसानों को मिल रहा है: पूज्य आचार्य जी महाराज
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हरिद्वार। भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत तीन दिवसीय मृदा प्रशिक्षण के समापन अवसर पर परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि पतंजलि के कृषि आधारित अनुसंधान, जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा कृषि संबंधी विविध गतिविधियों का लाभ देश के किसानों को मिल रहा है। यही नहीं, पतंजलि के प्रयासों से आज किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल पा रहा है। परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि पतंजलि की नव-कृषि क्रांति का ही परिणाम है कि आज पूरा विश्व जैविक कृषि की ओर लौट रहा है। कृषि में रसायनों के प्रयोग पर अंकुश लगने से विविध रोगों से त्रस्त मानव जाति को स्वस्थ जीवन मिलेगा।
प्रशिक्षण के दौरान पतंजलि एग्री रिसर्च कैम्पस में मृदा परीक्षण किट ‘धरती का डाॅक्टर’ को किसानों के समक्ष 12 पैरामीटर्स पर प्रदर्शित किया गया। साथ ही किट के उपयोग हेतु प्रयोगात्मक सत्र रखा गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सायंकालीन सत्र में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया जिसमें किसानों ने कृषि सम्बंधी समस्याओं पर प्रश्न रखे। इसके उपरान्त सभी प्रशिक्षुओं ने अपने अनुभवों को साझा किया। ‘योग यात्रा’ डाक्यूमेंट्री को भी किसानों के समक्ष प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के अंत में पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुख्य महाप्रबंधक श्री पवन कुमार तथा हर्बल रिसर्च डिविजन की विभागाध्यक्षा डाॅ. वेदप्रिया आर्य ने प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए। पंतजलि अनुसंधान संस्थान के श्री विक्रांत, डाॅ. अजय गौतम तथा डाॅ. निधि शर्मा ने प्रशिक्षण कार्य में सहयोग किया।
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