पतंजलि में हर्षोल्लास से मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व
18 विद्वान् भाईयों व 05 विदुषी बहनों को पूज्य स्वामी जी महाराज ने दी दीक्षा
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हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ में गुरु पूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज व परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने पतंजलि परिवार के साथ-साथ समस्त देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। इस अवसर पर पतंजलि संन्यासाश्रम के तत्वावधान में पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने 15 विद्वान भाईयों व 5 विदुषी बहनों को दीक्षा दी।
कार्यक्रम में पूज्य स्वामी रामेदव जी महाराज ने कहा कि यह पर्व सनातन धर्म व संस्कृति की धरोहर है। भारतीय सनातन परम्परा के अनुसार परमात्मा स्वयं गुरु रूप में हमें सद्मार्ग, उन्नति, कल्याण और ईश्वरीय पथ पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु ही है जो हमें कल्याण के पथ पर आरूढ़ करता है। सन्त, गुरु या आचार्य चेतना के जिस उन्नत स्तर पर जी रहे हैं या जीवन मुक्त अवस्था में रहते हुए प्रज्ञा प्रासाद पर आरूढ़ होकर व ऋतम्भरा प्रज्ञा से युक्त होकर जो हमें उपदेश दे रहे हैं यदि जीवन चेतना के उसी स्तर से हम स्वयं को जोड़ देंगे तो हम भी वही बोलेंगे जो सन्त बोल रहे हैं और हमारा भी जीवन सन्तों की तरह पूर्ण रूप से रूपान्तरित हो जायेगा। कार्यक्रम में परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु के प्रति सम्मान व समर्पण भाव को व्यक्त करता है। अपने कत्र्तव्य और आत्मबोध को समझ सकें। उसके लिए जिन्होंने हमें ज्ञान दिया, बोध कराया उनको सदैव स्मरण करें। उन्होंने कहा कि गुरु के साथ मन, बुद्धि, वाणी, व्यवहार एवं संकल्प से एकाकार हो जाना तथा उन जैसी दिव्य चेतना के साथ जीवन को जीना ही उनका सच्चा दर्शन है। शास्त्र व गुरु के शब्दों की एक-एक दिव्य ध्वनि तुम्हें प्रतिध्वनित होगी और तुम्हें ऐसा प्रतीत होगा कि शास्त्र एवं गुरु के शब्दों में उनका जीवन बोल रहा है। ऐसा स्वाध्याय हमारे जीवन को रूपान्तरित करता है और हमें गुरुओं का प्रतिरूप बना देता है।
दीक्षा कार्यक्रम में विद्वान् भाईयों व विदुषी बहनों को वीआईपी घाट हरिद्वार में स्नान कराकर वेद मंत्रों के बीच विरजा होम तथा मुंडन संस्कार किया गया। तत्पश्चात संत कुटीर में पूज्य स्वामी जी महाराज ने संन्यासी भाईयों व साध्वी बहनों को आशीर्वाद दिया। इस पावन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति पतंजलि परिवार द्वारा दी गयी। कार्यक्रम में श्री एन.पी. सिंह, श्री रामभरत जी, डाॅ. महावीर, डाॅ. साध्वी देवप्रिया जी, बहन ऋतम्भरा शास्त्री, बहन अंशुल, बहन पारूल, भाई राकेश कुमार ‘भारत’ एवं स्वामी परमार्थदेव, बाबू पद्मसेन आर्य जी (सपरिवार), डाॅ. जयदीप आर्य, स्वामी विदेहदेव, स्वामी आर्ष देव, स्वामी ईशदेव, स्वामी मित्रदेव, स्वामी विनयदेव, साध्वी देवांशी आदि पतंजलि परिवार एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
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