गुरु आज्ञा ईश्वर की आज्ञा के बराबर है।
गुरु हमारे पथ-प्रदर्शन वर्तमान और भविष्य के निर्माता है। लोहरदगा (झारखंड)। पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान के तत्त्वावधान में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर गुरुकुल शांति आश्रम में पाँचों संगठनों के पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में आचार्य संतोष नैष्ठिक ने यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कराया। इस अवसर पर जिला प्रभारी प्रवीण जी ने कहा है कि गुरु का स्थान हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है। गुरु भविष्य के निर्माता होते है। गुरु आज्ञा ईश्वर की आज्ञा के बराबर है। अपने को पहचानना, अपनी गलतियों…
गुरु हमारे पथ-प्रदर्शन वर्तमान और भविष्य के निर्माता है।
लोहरदगा (झारखंड)। पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान के तत्त्वावधान में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर गुरुकुल शांति आश्रम में पाँचों संगठनों के पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में आचार्य संतोष नैष्ठिक ने यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कराया। इस अवसर पर जिला प्रभारी प्रवीण जी ने कहा है कि गुरु का स्थान हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है। गुरु भविष्य के निर्माता होते है। गुरु आज्ञा ईश्वर की आज्ञा के बराबर है। अपने को पहचानना, अपनी गलतियों को जानकर उन्हें दूर करने का ज्ञान, अपने को परिष्कृत करने का ज्ञान गुरु ही होते हैं। अतः गुरु हमारे पथप्रदर्शक वर्तमान और भविष्य के निर्माता होते हैं, मौके पर आचार्य शरतचंद्र जी ने कहा कि अज्ञान के अंधेरे से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले चलने वाला गुरु ही होता है। हमारी संस्कृति ही गुरु शिष्य परंपरा वाली रही है। संरक्षक शिवशंकर जी ने कहा कि हमें गुरु का आशीर्वाद तभी प्राप्त होगा जब हम अपने ज्ञान, संवेदना और पुरुषार्थ को प्रचंडता के साथ आगे बढ़ायें। युवा जिला प्रभारी अंकित और शिवराज कुमार ने युवाओं से दैनिक योगाभ्यास अपनाने का अह्वान किया। कार्यक्रम में आचार्य शरतचंद्र, दिनेश, कुबेर, प्रियंका, सुगंती, निर्भय, शमशाद, सुखराम, शिवराज, संतोष, मनोज सहित ब्रह्मचारी उपस्थित थे।