शिक्षक दिवस: गुरु और षिश्य की परम्परा गौरवशाली

शिक्षक दिवस: गुरु और षिश्य की परम्परा गौरवशाली

हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ में शिक्षक दिवस समारोह उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि हमारे देश की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा रही है। जिलाधिकारी श्री दीपक रावत जी ने कहा कि बहुत कम लोग होते हैं जो सपना देखते हैं और उसे जी पाते हैं। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद हमारे स्कूल एजुकेशन का हिस्सा होने चाहिए। ये हमारे दादा-नाना के समय से चली आ रही विरासत है जिसे हम भूलते जा रहे हैं। पतंजलि योगपीठ के मंच से जिलाधिकारी ने उपस्थित…

हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ में शिक्षक दिवस समारोह उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि हमारे देश की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा रही है। जिलाधिकारी श्री दीपक रावत जी ने कहा कि बहुत कम लोग होते हैं जो सपना देखते हैं और उसे जी पाते हैं। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद हमारे स्कूल एजुकेशन का हिस्सा होने चाहिए। ये हमारे दादा-नाना के समय से चली आ रही विरासत है जिसे हम भूलते जा रहे हैं। पतंजलि योगपीठ के मंच से जिलाधिकारी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकगण को पाॅलिथीन का प्रयोग न करने की शपथ दिलाई। शिक्षक दिवस के अवसर पर यज्ञशाला में आयोजित यज्ञ में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम अपने हृदय को गुरुओं के प्रति पूर्ण कृतज्ञता से भरकर, अपने गुरुओं के ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए गुरुओं जैसा आचरण जीने के लिए प्रतिबद्ध हों। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डाॅ. महावीर अग्रवाल जी ने कहा कि आप सब सौभाग्यशाली हैं कि सारा विश्व जिनका आशीर्वाद पाना चाहता है, ऐसे गुरुदेव का साक्षात आशीर्वाद आपको जीवनभर प्रेरणा देता रहेगा, आनंदित करता रहेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ. नरेंद्र जी ने किया। -साभारः अमर उजाला’

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