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भ्रमण: संन्यासियों ने किया मणिकुट पर्वत का भ्रमण

ग्रामीणों के साथ की जड़ी-बूटी उत्पादन पर चर्चा हरिद्वार। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने पतंजलि के नव दीक्षित संन्यासियों व साध्वियों के साथ मणिकुट पर्वत क्षेत्र, नीलकण्ठ से आगे जंगल और झिलमिल गुफा सहित कई स्थानों का भ्रमण किया। इस दौरान पूज्य आचार्य श्री ने आसपास के किसानों के साथ ‘जड़ी-बूटी’ आर्गेनिक कृषि और मधुमक्खी पालन के विषय में चर्चा की। इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने बताया कि हमारी संस्कृति की आत्मा संन्यास है। संन्यासी स्वयं तो तप करता है पर संसार की सुख की कामना करता है।…

ग्रामीणों के साथ की जड़ी-बूटी उत्पादन पर चर्चा

हरिद्वार। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने पतंजलि के नव दीक्षित संन्यासियों व साध्वियों के साथ मणिकुट पर्वत क्षेत्र, नीलकण्ठ से आगे जंगल और झिलमिल गुफा सहित कई स्थानों का भ्रमण किया। इस दौरान पूज्य आचार्य श्री ने आसपास के किसानों के साथ ‘जड़ी-बूटी’ आर्गेनिक कृषि और मधुमक्खी पालन के विषय में चर्चा की। इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने बताया कि हमारी संस्कृति की आत्मा संन्यास है।
संन्यासी स्वयं तो तप करता है पर संसार की सुख की कामना करता है। उन्होंने कहा कि संसार के संताप को दूर करने की संन्यासी की कामना ही उसे जीवन भर कषाय वस्त्रों में अग्नि की तरह दीप्तिमान बनायें रखती है। इस दौरान ग्रामीणों को सब्जियों व अनाज के उन्नत किस्म के बीजों का निःशुल्क वितरित किया व आॅर्गेनिक कृषि के बारे में जागरूक किया। -साभारः अमर उजाला

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