हरिद्वार। जड़ी-बूटी व आयुर्वेद के अनुसन्धान के क्षेत्र में चमका पतंजलि रिसर्च का परचम। विश्व के प्रसिद्ध Wiley-VCH GmbH, Germany द्वारा प्रकाशित रिसर्च जर्नल-Journal of Separation Science (Impact Factor 3.65) के मुख्य पृष्ठ पर मिला कोरोनिल को स्थान।
जादू वही जो सिर चढ़कर बोले। कोरोनिल आयुर्वेद की पहली औषधि है, जिसने अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल के कवर पेज पर अपना स्थान बनाया है।चुनौती देने वालों को धन्यवाद, जिन्होंने हमें शीघ्रता से प्रमाणिक कार्य करने की प्रेरणा दी। सभी सहयोगियों को प्रणाम।कोरोनिल ने कोरोना काल में जहाँ लाखों परिवारों के प्राणों की रक्षा की है। वही लोगों को कोरोना के भय एवं भ्रम से बचाकर अनेक भ्रम का दोहन करने वाले षड्यंत्रकारी तत्वों से भी बचाने का काम किया है। इतिहास में, किसी आयुर्वेदिक मेडिसिन के ऊपर सबसे ज्यादा एवं विश्वस्तरीय अनुसन्धान हुआ है, या Research Journals ने किसी भी औषधि के प्रभाव को प्रकाशित किया है, तो वह है कोरोनिल! कोरोनिल के प्रभावशाली होने के साथ-साथ, इसकी गुणवत्ता में भी किसी तरह की न्यूनता नहीं मिली है। हर बैच की गुणवत्ता में समानता आयुर्वेद को नया मुकाम प्रदान करता है। गुणवत्ता की इस कसौटी पर भी, कोरोनिल ने नया इतिहास रचा है।
जो खरा है, कब किससे डरा है ! जय पतंजलि, जय विज्ञान, जय आयुर्वेद !!