स्वदेश स्वाभिमान - Swadesh Swabhiman

एमओयू : पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और एसआरएम सेण्टर फाॅर क्लिनिकल ट्रायल्स एंड रिसर्च, चेन्नई के बीच हुआ एमओयू

आयुर्वेद के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा यह समझौता : पू.आचार्य श्री

   हरिद्वार। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन (PRF) और एसआरएम (SRM) सेंटर फाॅर क्लिनिकल ट्रायल्स एंड रिसर्च (CCTR), चेन्नई के बीच आयुर्वेदिक औषधियों के लिए क्लीनिकल ट्रायल अध्ययन के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की ओर से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डाॅ. अनुराग वाष्र्णेय तथा एसआरएम सेण्टर फाॅर क्लिनिकल ट्रायल्स एंड रिसर्च, चेन्नई की ओर से डाॅ. नितिन एम. नागरकर, डाॅ. सत्यजीत महापात्र एवं डाॅ. सरस्वती त्रिपाठी उपस्थित रहे।
       समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन आयुर्वेद के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त प्रयास आयुर्वेद के पुनरुत्थान में अहम् भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त प्रयास भारतीय सनातन ज्ञान पर आधारित आयुर्वेद से निर्मित साक्ष्य आधारित औषधियों  को क्लिनिकल ट्रायल्स के माध्यम से विश्वपटल पर लाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत के यह दो प्रमुख संस्थान आयुर्वेदिक औषधियों की ऐफिकैसी (efficacy) को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे। SRM CCTR के डीन-रिसर्च, डा. नितिन एम. नागरकर ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह समझौता भारतीय पुरातन चिकित्सकीय विज्ञान, आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस अवसर पर क्लीनिकल अनुसंधान के अति-वरिष्ठ प्रोफेसर डा. वाई.के. गुप्ता एवं डा. अनुराग श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। उन्होंने दोनों संस्थानों को साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए मंगलकामनाएं दी।
    पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख डाॅ. अनुराग वाष्र्णेय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस समझौता ज्ञापन की मदद से दोनों संस्थान साथ मिलकर आयुर्वेदिक औषधियों की प्रभावशीलता को साक्ष्य आधारित रूप से विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर विविध रोगों में उनकी उपयोगिता को सिद्ध करेंगे।

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