मैसूर (कर्नाटक)। सिद्धगंगा के अधिष्ठाता लिंगायक्य डाॅ. श्री शिवकुमार महाशिव योगी के 117वें जन्मोत्सव एवं गुरुवंदना महोत्सव में देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। जन्मोत्सव के इस कार्यक्रम में, प्रधान अध्यक्ष सिद्धलिंग श्री के नेतृत्व में हरगुरुचारमूर्तियों ने शिवकुमार श्री के मंदिर में एक विशेष पूजा अर्चना की। श्री शिवकुमार शिवयोगी की 117वीं जयंती के उपलक्ष्य में मठ के गौशाला सिद्धेश्वर मंच पर 117 दीपक जलाए गए। कार्यक्रम में परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज (पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार) ने कहा कि शिवकुमार श्री कोई साधारण संत नहीं हैं। देश के अब तक के सबसे महान संतों में से एक थे, उन्होंने लक्षनाथ को एक महान संत बताया, जिन्होंने गरीब बच्चों के लिए भोजन, आवास और शिक्षा की व्यवस्था की।
सिद्धगंगा श्री के दर्शन की कृपा से हजारों लोगों के कष्ट दूर हुए एवं मन-आत्मा में नव ऊर्जा का संचार महसूर होता हैं। आध्यात्म के साथ-साथ लोगों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने वाले पूज्य शिवकुमार श्री एक महान व्यक्ति थे। मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे ऐसे गुरु की गुरुवंदना महोत्सव का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे भी लिंगायत संन्यासी जी का मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद सदैव प्राप्त हुआ। सिद्धगंगा श्री ने कायाकेव कैलाशा के सिद्धांत का अक्षरशः पालन किया था। निस्वार्थता और त्याग के प्रतिनिधि होने के नाते, उन्होंने वर्ग, धर्म, जाति की परवाह किए बिना सभी को एक समान देखा। प.पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहां कि पूज्य शिवकुमार श्री ही थे जो साम समाज के प्रणेता बसवन्ना के मार्ग पर चले। श्री मुंदरगी अन्नदानेश्वर महासंस्थान मठ के अध्यक्ष डाॅ. श्री अन्नदानेश्वर स्वामीजी, श्री मुरुगा मठ, धारवाड़ के अध्यक्ष डाॅ. श्री मल्लिकार्जुन स्वामीजी, गडग श्री वीरेश्वर पुण्याश्रम के अध्यक्ष श्री कल्लैया अजनावरु, श्री सिद्धगंगा मठ के उत्तराधिकारी श्री शिवसिद्धेश्वर स्वामी जी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।