हिंदू धर्म में मान्यता है की नारायण नर के रूप में अवतार लेते हैं लेकिन स्वामी रामदेव ने नर से नारायण बनने का आदर्श प्रस्तुत किया: उमा भारती
प.पूज्य आचार्य जी महाराज ने पतंजलि परिवार के साथ-साथ समस्त देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए यह संदेश दिया कि होली का त्यौहार प्रेम, एकता और आपसी सौहार्द का पर्व है। इसे व्यसन मुक्त रहते हुए प्रेमपूर्वक मनाएं। केमिकल युक्त रसायनों का प्रयोग ना करें, प्राकृतिक रंगों से होली को सार्थक बनाएं।
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ में वासंती नवसस्येष्ठी यज्ञ के साथ होलीकोत्सव मनाया गया। पतंजलि योगपीठ में आयोजित होलीकोत्सव कार्यक्रम में मध्य-प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मा. उमा भारती जी विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद रही। कार्यक्रम में मौजूद परम पूज्य स्वामी जी महाराज और परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने फूलों की होली खेली। होलीकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि पहले कहा करते थे राम आएंगे, अब तो राम आ गए हैं। राम राज्य भी आएगा।
परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने देश की जनता सहित कार्यक्रम में मौजूद सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। होली का त्योहार विविधता में एकता तथा भाईचारे का प्रतीक है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नारायण नर के रूप में अवतार लेते हैं लेकिन परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने नर से नारायण बनने का आदर्श प्रस्तुत किया है। कार्यक्रम में परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने पतंजलि परिवार के साथ-साथ समस्त देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए यह संदेश दिया कि होली का त्यौहार प्रेम, एकता और आपसी सौहार्द का पर्व है। इसे व्यसन मुक्त रहते हुए प्रेम पूर्वक मनाएं। केमिकल युक्त रसायनों का प्रयोग ना करें, प्राकृतिक रंगों से होली को सार्थक बनाएं। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से संबद्ध सभी इकाइयों के इकाई प्रमुख, अधिकारी, कर्मचारी, संयासी व साध्वी, सभी शिक्षण संस्थानों के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।