चेन्नई (तमिलनाडु)। मइलापुर स्थित आर.आर.सभा हाल में भारतीय शिक्षा बोर्ड की दक्षिण भारत की पहली अहम बैठक हुई। इस बैठक में भारतीय शिक्षा बोर्ड के वर्किंग चेयरपर्सन श्री एन.पी.सिंह (रिटायर्ड आइएएस) ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य मूल्य आधारित शिक्षार्थी देना है। मूल्यों को परिभाषित करना अधिक चुनौतीपूर्ण है। हमें एक दूसरे पर टिके नहीं रहना चाहिए, हमने कभी भी एक किताब, एक ईश्वर का पालन नहीं किया, यूनिटी इन डायवर्सिटी हमारा मूल मंत्र है, हम हमेशा सबका स्वागत करते है, हम विविधता में एकता की ताकत में रहते हैं। भारत में धर्म पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति है, भारत अब विश्व गुरु की बात कर रहा है। भारतीय शिक्षा बोर्ड सरकारी नियमों और विनियमों का पालन करता है, हमारा बोर्ड मान्यता प्राप्त और अधिकृत है, बोर्ड सब धर्म और पंथ का आदर करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित पूज्या साध्वी डाॅ.देवप्रिया जी (महिला मुख्य केन्द्रीय प्रभारी) ने कार्यकर्ता बैठक में योग, आयुर्वेद के विस्तार एवं योग को तहसील स्तर तक पहुंचाने के लिए मार्गदर्शन व आशीर्वाद दिया, साथ ही पू.स्वामी परमार्थदेव जी (मुख्य केंद्रीय प्रभारी) द्वारा प्रातःकालीन दैनिक योग कक्षा में यज्ञ व योग को जीवन में अपनाने के लाभ के विषय में बताया। बीएसटी, राज्य प्रभारी श्री बालसुव्रमन्यम जी भी विचार व्यक्त किए। संचालन राज्य महिला प्रभारी श्रीमती राजेश्वरी जी ने किया।