हरिद्वार। पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज की शिष्टाचार भेंट देश के यशस्वी प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रधानमंत्री आवास पर हुई।
इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी से एक स्वावलम्बी, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण और स्वदेशी शिक्षा और स्वदेशी चिकित्सा की पुनः प्रतिष्ठा के द्वारा इस भारत को पुनः परम वैभवशाली या जगद्गुरु बनाने का जो सपना है कोई यह इसका एक पहलू नहीं है बल्कि हेल्थ, एजुकेशन से, एग्रीकल्चर से, इंडस्ट्री से लेकर के सभी दिशाओं से जब हम सब भारतवासी प्रचंड पुरुषार्थ करते हुए इस देश को आगे बढ़ाएंगे तब यह देश पुनः विश्व का नेतृत्व करने में, पूरे विश्व को मार्गदर्शन देने में और पूरे विश्व में जो अलग-अलग प्रकार के संघर्ष चल रहे है उन संघर्षों को टालकर के इस पूरे संसार को सुखी बनाने में एक बड़ी भूमिका भारत निभाएगा।
राष्ट्रऋषि माननीय प्रधानमंत्री जी ने पूज्य स्वामी जी महाराज से कहा कि आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है देश तो अलग-अलग प्रांतों के 75 ऐसे बड़े श्रद्धा के केंद्रों पर इस बार 21 जून को योग हो। बोले इस बार 21 जून का यह सारा कार्यक्रम 75 श्रद्धा के, सम्मान के बड़े प्रतीक हैं, वहाँ और सब गाँवो में यह इंटरनेशनल योगा-डे का कार्यक्रम हो, इस पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने सहमति जताई। उन्हांेने कहा कि इस कार्य में एक बहुत बड़ी भूमिका पतंजलि निभा रहा है और आगे भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरुकुलम, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी और पतंजलि ग्लोबल गुरुकुल का जो काम हो रहा है वो बड़ा अभियान है और उसमें आदरणीय मोदी जी की शुभकामनाएं, उनका मार्गदर्शन और सब प्रकार का सहयोग है।
भगवान के अनुग्रह से भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो योग को, यज्ञ को, आयुर्वेद को, स्वदेशी को, अपनी समस्त भारतीय परम्पराओं को खाली गौरव ही नहीं देते उनको स्वयं वो जीते हैं, उनका अभिनंदन है। हम सब मिलकर के इस प्रयास को और आगे दूर तक लेकर के जाएं, इस दिशा में और बहुत से अलग-अलग क्षेत्रों में हमें बड़े कार्य करने हैं।
भेंटवार्ता के उपरान्त परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि श्री नरेन्द्र मोदी जी से मिलकर नव ऊर्जा व उत्साह का संचार हुआ। माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी ने जहाँ पूज्य स्वामी जी महाराज से योग, आयुर्वेद के सेवा कार्यों के विस्तार व उससे करोड़ों देशवासियों के लाभ की जानकारी प्राप्त की वहीं वैदिक शिक्षा से संस्कृति व संस्कार के साथ विश्वस्तरीय शिक्षा के विश्वव्यापी अभियान को भी ध्यान से सुना। आत्मनिर्भर भारत, क्पहपजंस ।हतपबनसजनतम, किसानों की उन्नति, जैविक कृषि, जनजातीय (जतपइंसे) बन्धुओं, नमामि गंगे व म.हवअमतदंदबम के लिए पतंजलि द्वारा किए जा रहे अथक प्रयास को सम्मानीय राष्ट्रऋषि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बड़ी तन्मयता से सुना व देशहित के लिए किए गए उक्त प्रयासों के लिए अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे आगे बढ़ाने का आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने पतंजलि के सेवाकार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनकी सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।