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प्राणायाम से दूर हो सकता है मस्तिश्क का कैंसर: पू.स्वामी जी

योग में ही सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है: पूज्य आचार्य श्री

   हरिद्वार। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पतंजलि स्वास्थ्य और शिक्षा की आजादी में अपनी आहुति दे रहा है। कैंसर सेल सभी के शरीर में पाए जाते हैं, जोकि हजारों-लाखों की संख्या में बनते हैं। शरीर में आॅक्सीजन की सही से आपूर्ति न होने, अस्वस्थ जीवनशैली के कारण यह रोग होते हैं। आज कैंसर की चिकित्सा में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या आपरेशन किए जाते हैं। यह सब कैंसर का स्थायी निदान नहीं है।
  सेंटर आफ एक्सीलेंस, पतंजलि आयुर्वेद हाॅस्पिटल, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और पतंजलि विश्वविद्यालय की ओर से मुख्य आडिटोरियम में आयुर्वेद में उपलब्ध कैंसर के उपचार को वैज्ञानिक प्रतिमान विषय पर आयोजित कार्यशाला में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि केवल एक तौर तरीके से कैंसर को हटाया नहीं जा सकता, इसलिए सभी को योग के अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। आज मात्र प्राणायाम से मस्तिष्क के कैंसर को दूर किया जा सकता है। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि वह कीमो व अन्य प्रकार के उपचार का विरोध नहीं करते, लेकिन आयुर्वेद के विज्ञान को भी समझना चाहिए। हम एलोपैथी का सम्मान करते हैं क्योंकि उससे भी रोगियों की जान को बचाया जा सकता है लेकिन आयुर्वेद ने भी अब जीवनरक्षक औषधि पर काम करना शुरू कर दिया है। बताया कि आयुष मंत्रालय की ओर से पतंजलि आयुर्वेद हाॅस्पिटल को संटर आफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है।
      पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि योग ही सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। योगगुरु हजारों परीक्षा से गुजरने के बाद योग का पर्याय बनकर उभरे हैं। आज माननीय प्रधानमंत्री जी ने योग व आयुर्वेद को जिस तरह वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है, उससे वह दिन दूर नहीं जब डब्ल्यूएचओ का केन्द्र भारत में खुल जाएगा। आज वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की स्वीकार्यता अभिनन्दन के योग्य है। विश्व तो आयुर्वेद को स्वीकार कर रहा है, लेकिन देश में कुछ संगठन हैं जो आयुर्वेद के विरुद्ध रोज नये-नये षड्यंत्र रचते रहते हैं। पतंजलि के सभी उत्पाद सभी पैरामीटर पर खरे उतरकर षड्यंत्रकारियों को जवाब देते रहेंगे। मुख्य अतिथि प्रो.भूषण पटवर्धन ने कहा कि आज की पीढ़ी लगातार पाश्चात्य ज्ञान को श्रेष्ठ मानती हैं आज मार्डन चिकित्सा कैंसर का स्थायी निदान नहीं खोज पाई। इसके अलावा वह अन्य बीमारियों का भी कोई स्थायी समाधान नहीं समझा पायी है लेकिन योग व प्राणायाम से आयुर्वेद जड़ी-बूटियों ने कोरोना को हराया है, जिसे विश्व ने स्वीकार भी किया है। संचालन डाॅ.वेदप्रिया आर्य जी ने किया। इस मौके पर डाॅ.अशोक शर्मा, डाॅ.पार्थ राॅय, डाॅ.मेहदी हयात शाही आदि मौजूद रहे।          
-साभारः दैनिक जागरण

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