स्वदेश स्वाभिमान - Swadesh Swabhiman

प्राकृतिक खेती पर ‘नमामि गंगे’ और पतंजलि में अनुबंध

नेचुरल फार्मिंग इन गंगा बेसिन रीजन-पर्सपेक्टिव एण्ड साल्यूशन किताब का किया विमोचन

  हरिद्वार। पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट््यूट और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से आयोजित गंगा बेसिन क्षेत्र में प्राकृतिक कृषि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर प्राकृतिक खेती से किसानों की आय के लिए नमामि गंगेऔर पतंजलि के बीच अनुबंध हुआ। हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज और पूज्य बालकृष्ण जी महाराज व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, डीजी नमामि गंगे अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने नेचुरल फार्मिंग इन गंगा बेसिन रीजन (पर्सपेक्टिव एण्ड साल्यूशन) किताब का विमोचन भी किया। साथ ही गंगा रन में प्रतिभागी प्रथम 20 बच्चों को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
      इस अवसर पर पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि सम्पूर्ण संसार में 3.60 लाख के आसपास वनस्पति पायी जाती हैं भारत की बात करें तो यहां लगभग 20 हजार प्रकार की वनस्पति पायी जाती है और गंगा के किनारों पर हजारों प्रजातियां पायी जाती है। प्राकृतिक खेती करने से पहले यह सोचने की आवश्यकता है कि किस चीज की खेती करें और किस ाख्ेती को कहां करने से किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है। भारत सरकार ने गंगा के दोनों किनारों पर प्राकृतिक खेती करने का जो संकल्प लिया है। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि गंगा पर जीवन और अर्थव्यवस्था आधारित है। पतंजलि ने आर्थिक गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर, आत्मनिर्भरता का नया इतिहास लिखा है और इस देश को आर्थिक गुलामी के साथ-साथ शिक्षा, चिकित्सा की गुलामी से बाहर निकालने का काम पतंजलि की ओर से किया गया है। आज भारत सरकार चाहे तो गंगा के किनारों को भी विकसित कर सकती है।
    केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान केन्द्र और नेशनल मिशन आफ क्लीन गंगा इन दोनों के बीच में जो एमओयू का करार हुआ है यह ऐतिहासिक अवसर है। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज  ने संसार में योग और आयुर्वेद को प्रतिष्ठित किया है। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो पतंजलि से अछूता रहा हो। पतंजलि संस्थान अर्थ गंगा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गंगा के ही एसईपी प्लांटस के स्लज से निर्मित जैविक खाद गंगा के क्षेत्र में उपलब्ध करवाएगा। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक और पर्यटन, आजीविका सृजन के अवसर, वनरोपण अभियान व प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए पतंजलि व राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एमओयू साइन कर रहे हैं।
    इस अवसर पर नमामि गंगे के डीजी अशोक कुमार ने कहा कि आजादी के बाद में यदि गंगा की सुध किसी ने ली है वह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी है। जिन्होंने देवप्रयाग से गंगा सागर तक गंगा को स्वच्छ करने का संकल्प लिया है और क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। आज गंगा निर्मल और स्वच्छ है। जिसके जल का आचमन बगैर भय के किया जा सकता है। गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने का संकल्प आज प्रत्येक भारतवासियों को लेने की आवश्यकता है तभी गंगा स्वच्छ व निर्मल रह पाएगी।

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