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पतंजलि ने योग, आयुर्वेद, स्वदेशी के साथ शिक्षा पर प्रामाणिकता के साथ कार्य किया: श्री अमित शाह

29वें संन्यास दिवस :  गृहमंत्री अमित शाह बोले- योगगुरु रामदेव का संकल्प पूरा हो, ऐसी कामना करता हूँ

हरिद्वार। माननीय श्री अमित शाह जी (केन्द्रीय गृह मंत्री) पतंजलि विश्वविद्यालय पहुँचे जहाँ परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज तथा परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने स्वागत किया। विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का लोकार्पण माननीय गृह मंत्री महोदय द्वारा शिलापट के अनावरण से हुआ। इसके पश्चात उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। फिर ऋषिग्राम में विगत 9 दिनों से चल रहे चतुर्वेदीय महापारायण यज्ञ में पूर्णाहूति दी।
योग भवन पहुँचकर गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने उपस्थित 10 हजार से अधिक श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुझे सदैव पतंजलि आकर नई ऊर्जा, नई चेतना, नई आशा मिलती है। आज मैं मन में शांति व संतोष लेकर जा रहा हूँ कि पतंजलि परिवार आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में देश का पुनरोद्धार करेगा। गृह मंत्री ने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के क्षेत्र में पूज्य स्वामी जी महाराज ने विगत 25 साल में अभूतपूर्व योगदान दिया है। कोई इन्स्टिटूशन व कोई संस्था जो योगदान ना कर पाए वह अकेले स्वामी जी महाराज ने अपने साथियों के साथ किया है। योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के आंदोलन के साथ-साथ पूज्य स्वामी जी महाराज ने अब शिक्षा पर भी ध्यान दिया है जिसका मुझे बहुत आनंद है। भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय तथा पतंजलि आयुर्वेद काॅलेज के माध्यम से मूल भारतीय परम्परा से हमारे चिर पुरातन ज्ञान को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। जल्द ही स्वामी जी का 1 लाख विद्यार्थियों वाली पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी तथा पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम् का सपना पूरा होगा।
गृह मंत्री महोदय ने कहा कि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज को देखता हूँ तो इनमें आयुर्वेद और योग को पुर्नस्थापना करने वाला एक योगी, मल्टी नेशनल कम्पनी के खिलाफ लड़ने वाला स्वदेशी का पुरोधा, विदेशों में योग का एम्बेस्डर, कालेधन के खिलाफ संघर्ष करने वाला एक संन्यासी तथा शिक्षा का सम्पूर्ण स्वदेशीकरण करने वाला एक संकल्पवान शिक्षाविद्ध दिखता है। इन्होंने वैदिक शिक्षा को पुनः जीवित करने का भगीरथ कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पूज्य आचार्य जी को देखकर आश्चर्यचकित हूँ कि वो कैसे कम्प्यूटर की तरह आयुर्वेद के रहस्य समझा रहे थे। आयुर्वेद में 500 से अधिक रिसर्च पेपर्स पब्लिश करना बहुत बड़ी बात है, इसके लिए उनका अभिनन्दन। उन्होंने कहा कि मैंने पूज्य आचार्य जी के नेतृत्व में पतंजलि संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित मृदा परीक्षण मशीन धरती का डाॅक्टरका अवलोकन किया जिसके द्वारा सभी 12 तरह के मापदण्ड (पैरामीटर) बहुत कम खर्च में किए जा सकते हैं, यह एक अद्भुत मशीन है।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि हम भारतीय शिक्षा बोर्ड तथा पंतजलि विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा के स्वदेशीकरण का कार्य करने जा रहे हैं। मैकाले की भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था को समाप्त कर शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन कर गुलामी व दासता की सभी निशानियों को मिटाकर आदर्श महापुरुषों व सनातन को पुनः गौरव प्रदान करने हेतु पतंजलि संकल्पित हैं’’। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि सब देशवासियों के रोम-रोम में राम के प्रति आस्था बस गई। उन्होंने कहा कि राम हमारे जीवन से लेकर पूरे जगत में प्रतिष्ठित हों। राम मंदिर के प्रति लोगों का सपना था कि उनकी आँखों के सामने यह ऐतिहासिक कार्य हो जाए। राम मंदिर की स्थापना तथा धारा 370 खत्म कर माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने देश को सौगात दी है।
कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के सभागार में सनातन वैदिक संस्कृति की जो धारा पिछले नवरात्री के पावन दिनों से प्रारंभ हुई थी आज वह नए स्वरूप में पूरे विश्व के सम्मुख उपस्थित है। उन्होंने कहा कि सनातन वैदिक संस्कृति, धर्म व परम्परा के लिए हम मा.गृहमंत्री जी का अभिनंदन करते हैं। आपमें भारतीय संस्कृति के लिए कुछ कर गुजरने की जो भावना है उसके लिए आपकी जो दृढ़ता है उससे सम्पूर्ण देश परिचित है। मैकाले ने जो पाप किया था उसे धोने का सद्प्रयास भी आपके ही सहयोग से भारतीय शिक्षा बोर्ड के रूप में संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे जितने भी नव दीक्षित संन्यासी भाई बहन हैं, वे आपकी ऊर्जा को अनुभव करते हैं और उस ऊर्जा से भारतीय संस्कृति और सनातन वैदिक परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए सभी लोग कृत संकल्पित हैं। पतंजलि में रोगी जनमानस को नया जीवन मिल रहा है। जैविक कृषि की बात हो पतंजलि ने 19 से ज्यादा राज्यों में लगभग एक लाख से ज्यादा किसानों को जैविक कृषि से जोड़ा है।
इस अवसर पर मा. मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संत परम्परा हमेशा से ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है। मेरा मानना है कि पूज्य स्वामी जी महाराज व पूज्य आचार्य जी महाराज के कुशल मार्गदर्शन में पतंजलि योगपीठ की स्थापना इसी उद्देश्य के लिए हुई है। पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान-सम्मान व स्वाभिमान सम्पूर्ण विश्व में तेजी से बढ़ रहा है तथा भारत विश्वगुरु होने के पथ पर आरूढ़ होने की तैयारी कर रहा है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी स्वामी जी की ही देन है। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री श्री धनसिंह रावत, हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक’, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एन.पी. सिंह, महिला पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया जी, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. महावीर जी, मुख्य केन्द्रीय प्रभारी श्री राकेश कुमार भारत’, व स्वामी परमार्थदेव, डाॅ. जयदीप आर्य, स्वामी आर्षदेव, श्री प्रदीप बत्रा, श्रीमती प्रवीण पूनिया, डाॅ.निर्विकार, प्रो.वी.के. कटियार, स्वामी विदेह देव तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएँ व कर्मयोगी उपस्थित रहे।

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