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योग शिविर :  अखण्ड साधना, भक्ति और पुरुषार्थ से ही जीवन स्वर्ग बनेगा: पूज्य स्वामी जी महाराज

योग एवं ध्यान शिविर: योग गुरु स्वामी रामदेव जी महाराज के तीन दिवसीय योग शिविर का समापन व कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह का आयोजन

भीलवाड़ा (राजस्थान)। योग ऋषि परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि योग एक विज्ञान है। आत्म चेतना, आत्मशक्ति एवं स्वयं को जागृत करता है। योग सभी प्रकार के ज्ञान का मूल है। हमने देश में स्वदेशी की एक बहुत बड़ी जागृति पैदा की है। इसी कारण भारतीय लोगों ने विदेशी प्रोडक्ट के बजाय अपने देश में बने प्रोडक्ट को खरीदना ज्यादा उचित समझा है। देश में आयुर्वेद के महत्व को हम लगातार दर्शा व पहुंचा रहे हैं। योग प्राणायाम के माध्यम से करोड़ों लोग निरोगी हो रहे हैं। मेरा सपना है कि देश से गरीबी दूर हो। लोग आयुर्वेदिक उत्पाद व स्वदेशी अपनाकर देश की इकोनाॅमी बढ़ाएं। परम पूज्य स्वामी जी महाराज त्रिदिवसीय योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर के समापन पर हजारों लोगों को योग का अभ्यास कराते हुए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सूर्योदय के बाद धूप-सेवन सभी को अनिवार्य रूप से अवश्य करना चाहिए। एक घण्टा ऐसे करने से विटामिन-डी की कमी दूर होगी और प्रोटीन सहित अन्य आवश्यक तत्वों की प्राप्ति होकर शरीर भी निरोगी बनेगा। गौ माता की नियमित सेवा करें एवं आप सभी को गाय से प्राप्त हर वस्तु का नियमित उपयोग करें। योग उपासना को हमारी दिनचर्या में शामिल करें। योग करेंगे तो जीवन में रोग के लिए जगह नहीं रहेगी। योग से पसीना बहाओं, इससे निरोगता प्राप्त होगी। प्रत्येक व्यक्ति अखण्ड साधना करें, भगवान की भक्ति करें व पुरुषार्थ करें, इसी से जीवन स्वर्ग बनेगा। उन्होंने कहा कि योगासन एवं प्राणायाम से हमें कई रोगों से मुक्ति मिलती है। योग एवं आयुर्वेद से हम हाई ब्लड प्रेशर शुगर मोटापा, किडनी, लीवर, फेफड़े आदि के रोगों से निश्चित रूप से मुक्ति पा सकते हैं। समापन सत्र के शिविर में पूज्य आचार्य लोेकेश मुनी जी, महावीर चैधरी, राजंेद्र कुमार गोखरू, महावीर बावेल, सुरेन्द्र सुराणा, प्रकाश सुराणा, महेन्द्रसिंह राठौड, भेरूलाल जागेटिया, प्रवीण जैन, संपत चपलोत मुम्बई, नारायण लड्ढा, अशोक कोठारी, जगदीश जोशी, रेनू जागेटिया, राजेश जी आदि मंचासीन रहे। शिविर में हरिद्वार से पधारे स्वामी परमार्थदेव जी, स्वामी आदित्यदेव, स्वामी ऋतदेव, आचार्य डाॅ. संजय जी, स्वामी विजयदेव जी के साथ ही राजस्थान मध्य प्रांत के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी, शिविर सचिव भूपेंद्र मोगरा जी, रजनीकांत आचार्य, कैलाश डा, विक्रम आंजना, विनोद भाई सहित सैकड़ांे कार्यकर्ताओं मौजूद रहे।
 
·         भारतीय लोगों ने विदेशी प्रोडक्ट के बजाय अपने देश में बने प्रोडक्ट को खरीदना ज्यादा उचित समझा है।

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