हरिद्वार। ‘वनौषधि पंडित’ उपाधि से सम्मानित आयुर्वेद शिरोमणी परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का जन्मोत्सव ‘जड़ी-बूटी दिवस समारोह’ के रूप में पतंजलि में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ यज्ञ व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। कार्यक्रम में पूज्य आचार्य जी महाराज द्वारा रचित ग्रंथों व पुस्तकों तथा नवीन अनुसंधित औषधियों को लोकार्पित किया गया। इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने अमेरिका से फोन के माध्यम से आचार्य जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
इस अवसर पर आचार्य जी महाराज ने कहा कि हमारी भावना है कि आज का यह दिन सबके लिए कल्याणकारी हो। प्रतिवर्ष इसी दिन आचार्य जी महाराज अपना साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हैं। इस वर्ष उन्होंने रिटर्न गिफ्ट के रूप में नवीन गुणवत्तायुक्त कल्याणकारी औषधियाँ जैसे रीनोग्रिट, टी.बी. व यूटीआई के लिए नवीन औषधियाँ, नैजल स्प्रे, बच्चों के लिए लिवोग्रिट व इम्युनोग्रिट सिरप, च्यवनप्राश जैली व साथ ही पशुओं के लिए नवीन उत्पाद लोकार्पित किए।
साथ ही आचार्यश्री द्वारा रचित ‘वर्ल्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया’ के अनेक वाल्यूम का विमोचन किया गया। इस महाग्रंथ पर पतंजलि अनुसंधान संस्थान के सैकड़ों कुशल वैज्ञानिकों की टीम वर्षों से कार्य कर रही थी। ‘वल्र्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया’ पूज्य आचार्य जी महाराज का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है जिसे आज लोकार्पित किया गया। साथ ही ‘फलोरा आॅफ राष्ट्रपति भवन’, ‘मेडिसिनल प्लांट्स आॅफ राष्ट्रपति भवन’, ‘फ्लोरा आफ सिजूसा-अरुणाचल प्रदेश’, ‘मन के मनके भाग-2’ तथा ‘विश्व वानस्पतिक कोष भाग-6’ का भी विमोचन किया गया। पूज्य आचार्य जी ने बताया कि ‘फ्लोरा आॅफ राष्ट्रपति भवन’ में राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित 620 पौधों का हर्बेरियम सहित सचित्र वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त ‘मेडिसिनल प्लांट्स आॅफ राष्ट्रपति भवन’ में राष्ट्रपति भवन स्थित 401 औषधीय पादपों का वर्णन है। ‘साक्ष्य आधारित आयुर्वेद’ पुस्तक का विमोचन करते हुए पू.आचार्य जी महाराज ने कहा कि आज आयुर्वेद के नाम पर ढ़कोसला, पाखंड, छलावा व दिखावा चल रहा है। कोई आयुर्वेद के नाम पर एलोपैथी की गोली पीसकर दे रहा है तो कोई हैवी मेटल्स खिला रहा है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने ऋषियों के ज्ञान-विज्ञान को पूरे विश्व में प्रचारित- प्रसारित करने का कार्य किया है। साथ ही ‘सूक्ष्म जीव विज्ञान’ तथा ‘सांख्यीकीय विधियाँ एक गाइड’ पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। सायंकालीन सत्र में आयोजित संस्थागत शिक्षण इकाइयों के छात्र-छात्राओं तथा विशेष आमंत्रित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गया।
इस अवसर पर पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री आदरणीय डाॅ. यशदेव शास्त्री जी ने कहा कि जन्मदिवस तो मात्र एक बहाना है, यह तो जड़ी-बूटी दिवस के मूल प्रेरणास्रोत पूज्य आचार्य जी महाराज का प्रकृति के प्रति प्रेम है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की यह यात्रा शून्य से चलकर उन्नति के शिखर पर पहुँच गई है। इसमें आचार्य जी की अहम भूमिका है। हमें आचार्य श्री के जीवन से यही प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम पुरुषार्थी बनें।
पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. अनुराग वाष्र्णेय के नेतृत्व में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, निःशुल्क नेत्र जाँच व दंत चिकित्सा जाँच शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में पूज्य आचार्य जी महाराज ने स्वयं रक्तदान किया, जिनसे प्रेरित होकर कुल 562 लोगों ने रक्तदान किया। साथ ही प्रदीप नैन के सहयोग से संचालित निःशुल्क नेत्र शिविर में कुल 415 लोगों ने नेत्र जाँच कराई। नेत्र रोगियों को निःशुल्क चश्मों का भी वितरण किया गया। डा. कुलदीप के सहयोग से संचालित दंत चिकित्सा जाँच शिविर में कुल 545 लोगों ने दंत रोगों की जाँच कराई गई। इस अवसर पर पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि निरंतर रक्तदान व शारीरिक जाँच कराने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
पतंजलि के द्वारा लाखों औषधीय पौधों जैसे-तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, एलोवेरा, नीम, पीपल आदि का निःशुल्क वितरण किया गया। साथ ही पूरे देश के 600 जिलों की 5000 से अधिक तहसीलों व 1 लाख से अधिक गाँवों में विविध संगठनों व इकाइयों के द्वारा देश के लगभग प्रत्येक जिले में 5,000 से 10,000 औषधीय पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया।
कार्यक्रम में श्री रामभरत, श्री एन.पी. सिंह, प्रो. महावीर अग्रवाल, कुलानुशासिका साध्वी आचार्या डा. देवप्रिया, भाई राकेश कुमार ‘भारत’ जी, स्वामी परमार्थदेव, बहन ऋतम्भरा शास्त्री, बहन अंशुल, बहन पारूल, श्री टी.सी. मल्होत्रा, बाबू पद्मसेन आर्य जी, माता प्रेमलता जी, स्वामी आर्षदेव सहित पतंजलि परिवार के समस्त अधिकारीगण, कर्मचारीगण, समस्त शिक्षण संस्थानों के आचार्यगण व छात्र-छात्राओं ने पूज्य आचार्य जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। पूज्या माता गुलाब देवी ने भी आचार्य जी को आशीर्वाद देकर जन्मदिवस की शुभकामनाएँ दी।
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प.पूज्य आचार्य जी महाराज के जीवन से पुरुषार्थ की प्रेरणा लें : डा. यशदेव शास्त्री ।
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आचार्यश्री द्वारा रचित वर्ल्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया के 111 ग्रंथों के साथ कई पुस्तकें लोकार्पित।
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आचार्य जी ने किया रक्तदान, स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में कुल 562 यूनिट रक्तदान हुआ।
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निःशुल्क नेत्र एवं दंत चिकित्सा जाँच शिविर में सैकड़ों रोगियों ने लिया स्वास्थ्य लाभ।
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गिलोय, नीम, तुलसी, एलोवीरा, पीपल आदि के लाखों पौधों का निःशुल्क वितरण।
परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि हम सेवाधर्म और सखाधर्म दोनों एक-साथ निभा रहे हैं। परम पूज्य आचार्य जी महाराज बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने आयुर्वेद, शिक्षा, अनुसंधान, लेखन, समाजसेवा, कृषि और सूचना एवं प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में अभुतपूर्व कार्य किया है। उनका जीवन तप, त्याग, पुरुषार्थ, परमार्थ व परोपकार से पूर्ण है तथा हम सबके लिए प्रेरणादायक है। परम पूज्य आचार्य जी महाराज महर्षि चरक, सुश्रुत और धनवंतरि जैसे महान् ऋषियों के घनिभूत रूप हैं। हमारी कामना है कि पूज्य आचार्य जी महाराज इसी प्रकार दीर्घजीवी, चिरंजीवी, यशस्वी, तेजस्वी होकर ऐसे ही सनातनधर्म, वेदधर्म, ऋषिधर्म, आयुर्वेद धर्म व सेवाधर्म का गौरववर्धन करते रहें। |