हरिद्वार। दक्षिण कोरिया के यंगसुंग बुकतो प्रांत में वैलनेस फेस्टिवल-2023 में वृहत मेले का आयोजन हुआ जिसमें विशेष रूप से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि हजारों वर्ष पुराने भारत-कोरियाई संबंधों को वर्तमान में राजनयिक रूप से पचासवें वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने भारतीय एवं सनातन संस्कृति व आयुर्वेदिक औषधियों के विषय पर उद्बोधन भी दिया।
इस अवसर पर यंगसुंग बुकतो के गवर्नर व वहाँ के मेयर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उन्होंने पतंजलि द्वारा रचित पुस्तक ष्ळसवेेंतल व िज्ञवतपंद डमकपबपदमेष् का विमोचन किया। इस पुस्तक की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस अवसर पर यंगसुंग बुकतो के गवर्नर ने आने वाले समय में अपने क्षेत्र में भारतीय गांव की स्थापना के साथ-साथ पतंजलि के साथ मिल कर कोरियन मेडिसिन सिस्टम पर काम करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि भारतीयता तथा भारत के गौरव को बढ़ाने वाले इस कार्य से निश्चित रूप से हमारे आपसी सम्बंध प्रगाढ़ होंगे। इस समारोह में पतंजलि के स्टाॅल के लिए विशेष स्थान भी उपलब्ध कराया गया। पतंजलि के स्टाॅल को देखकर कोरियाई लोगों में अति उत्साह देखने को मिला। आचार्य जी ने कहा कि यहाँ पतंजलि के उत्पादों के प्रति लोगों में विश्वास तथा स्वीकार्यता है। हमें प्रसन्नता है कि यहाँ अधिकांश लोगों को पतंजलि के उत्पादों के विषय में पहले से ही जानकारी है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह कौतूहल का विषय है कि यहां के लोग पतंजलि दंतकांति व अन्य बहुत सारे उत्पाद पहले से ही प्रयोग करते हैं।
समारोह में "Glossary of Korian Medicines" व योग का भी आयोजन किया गया। इन सब कार्यक्रमों के सफल समन्वय का कार्य सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के यूनिवर्सिटी रिसर्च कमेटी के वरिष्ठ सलाहकार डा. हीरो हित्तो ने किया। साथ ही सुभारती विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्य राज, हाॅलिस्टिक मेडिसिन के निदेशक डा. रोहित रविन्द्र, जामनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हीराभाई पटेल, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष व प्रोफेसर तथा दक्षिण कोरिया में भारतीय दूतावास के राजनयिक तथा क्मचनजल Deputy Chief of Mission श्री निशी कांत सिंह जी उपस्थित रहे।