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पतंजलि कृषि अनुसंधानों का लाभ ले रहे इस्लामिक देश

बदलाव: अनेक मुस्लिम देशों ने अपनाया योग, प्राणायाम और आयुर्वेद....

हरिद्वार। इस्लामिक देश ईरान की सरकार पतंजलि योगपीठ द्वारा कृषि के क्षेत्रों में किए गये अनुसंधानों का लाभ उठा रही हैं। बीते दिनों परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज को ईरान आमंत्रित किया गया था।
     साऊदी अरब] अमीरात] आबुधाबी] दुबई आदि देशों में भी आयुर्वेदिक दवाओं की जबरदस्त मांग है। इन देशों में यूनानी दवाओं से अधिक प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं का होने लगा है। ईरान जैविक खाद, जैविक बीज और जड़ी बूटियों के लिए पतंजलि अनुसंधानशाला में हुए प्रयोगों का लाभ उठा रहा है। इसके लिए तेहरान में ईरानी कृषि मंत्रालय और पतंजलि के बीच एक बड़ा करार किया जा चुका है।
     पतंजलि प्रणीत योग प्राणायाम का विस्तार परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने जिस तरह किया है] उसका लाभ अपने नागरिकों को देने में भी ईरान आदि इस्लामिक देश गहरी रुचि ले रहे हैं। परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज की अगुवाई में पतंजलि अनुसंधानशाला के वैज्ञानिकों का एक दल ईरान और दुबई होकर लौटा है। गौरतलब है कि अनेक इस्लामिक देशों ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से योग, प्राणायाम और औषधियों का लाभ उठाया।
    दुबई, दोहा और कतर में तो पतंजलि आयुर्वेद की औषधियों न केवल स्टोर्स पर बिकती हैं] अपितु यूनानी और आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल वहां के चिकित्सालयों में भी किया जाता है। हालांकि अरब देशों में पहले से ही जड़ी बूटियों का प्रयोग घरेलू इलाज में होता आया है। प.पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के निर्देशन में पतंजलि योगपीठ द्वारा विश्वभर के पादपों के गुणों पर बहुखण्डीय इनसाइक्लोपीडिया तैयार किया जा रहा है। इसमें अरब देशों के साथ-साथ विश्व के तमाम इस्लामिक देशों से पादप तथा जड़ी-बूटियां एकत्रित कराई गई हैं। पतंजलि की अनुसंधान प्रयोगशाला में इनके गुणों का प्रमाणिक संकलन किया जा रहा है। मलेशिया और इंडोनेशिया ने भी पतंजलि योग, आयुर्वेद और कृषि अनुसंधानों का लाभ उठाया है।

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