योग जागरण: सर्वोत्तम प्राकृतिक चिकित्सा है योगाभ्यास
जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। भारत की प्राचीनतम विधा योग के क्रियात्मक और सैद्धांतिक पक्षांे को नियमित और निरंतर अपनाकर महिलाएं अपने पूरे परिवार के साथ सम्पूर्ण समाज को स्वस्थ व खुशहाल बनाने में अपनी महती भूमिकाओं को निभा सकती हैं। यह बाते रसूलाबाद में आयोजित ध्यान योग शिविर में महिला पतंजलि योग समिति की जिला प्रभारी डाॅ. धर्मशीला जी ने कही।
प्रांतीय सह-प्रभारी भाई अचल हरीमूति जी ने योग के सैद्धांतिक पक्षों में अष्टांग योग की व्याख्या करते हुए प्रशिक्षुओं को सरल व सहज आसनों के साथ सर्वाइकल ओर स्पांडलाइटिस से संबंधित विविध प्रकार के व्यायामों को कराते हुए बताया गया कि योगाभ्यास हमारी सर्वोत्तम प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है। श्री हरीमूर्ति के द्वारा कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायामों के अभ्यासों को कराते हुए बताया गया कि कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, मोटापा, बीपी, अनिद्रा जैसी समस्याओं से पूर्णतः समाधान के लिए इन सभी प्राणायामों का अभ्यास हर व्यक्ति को लाभान्वित करता है। बहन रेनु, विजयलक्ष्मी, शालिनी, उमा, गायत्री भाई श्यामबहादुर, अरविंद, नरेंद्र आदि उपस्थित रहे।