टुमकुर/बेंगलूरु। लिड्गैक्य हो चुके सिद्धगंगा मठ श्री स्वामी जी के अन्तिम दर्शन प्राप्त करने के लिए लोगों का सैलाब ही उमड़ पड़ा। उनमें अलग-अलग पक्ष के राजनेता और विविध मठ-आश्रम के मठाधीश लोग भी शामिल थे।
योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज भी पूज्य स्वामी शिवकुमार जी महाराज के दर्शन प्राप्त करने के लिए उत्सुक होकर दिल्ली से बंेगलूरू का केंपेगौडा हवाई जहाज पर पहुँचकर वहाँ से तुमकूरु के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा, ‘‘त्रिविध दासोही व 111 वर्ष उम्र के हमारे वयोवृद्ध और ज्ञानवृद्ध तपस्वी पूज्य श्री स्वामी शिवकुमार जी महाराज लिङगैक्य जी देश का गौरव है।’’ आध्यात्म, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों के लिए उनका देन बहुत ही श्रेष्ठ कोटी का है।’’
श्री स्वामी शिवकुमार जी महाराज ज्ञान का हिमालय है।
योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज पूज्य श्री स्वामी शिवकुमार जी महाराज का वर्णन करते हुए ‘वे ज्ञान का उत्कृष्ट हिमालय पर्वत जैसे थे।’ ऐसे कहा ! श्री स्वामी शिवकुमार जी महाराज के अन्तिम दर्शन प्राप्त करने के बाद उन्होंने कहा- ‘‘सात साल पहले जब मैंने पूज्य श्री शिवकुमार स्वामी जी महाराज का प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर मिला था तब मैंने उनमें माता का वात्सल्य, ममता और एक पिता जैसा प्रेम को देखा।’’