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2025 तक पतंजलि बनेगी दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी: स्वामी जी

प्रेरणा: बाबा बालकनाथ ने अस्थल बोहर मठ में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का किया स्वागत, एमडीयू में युवा स्वावलम्बन कार्यक्रम में की शिरकत रोहतक (हरियाणा)। अस्थल बोहर मठ भविष्य में योग और अध्यात्मक के बड़े केन्द्रों में शुमार रहेगा। यह केन्द्र अध्यात्म व योग का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह बात रोहतक प्रवास पर पहुँचे योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने मस्तनाथ मठ में कही। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए एक बार फिर स्वदेशी की वकालत की। उन्होंने कहा कि देश के अन्दर विदेशी कम्पनियाँ जितना ताकतवर होंगी, उतना ही…

प्रेरणा: बाबा बालकनाथ ने अस्थल बोहर मठ में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का किया स्वागत, एमडीयू में युवा स्वावलम्बन कार्यक्रम में की शिरकत

रोहतक (हरियाणा)। अस्थल बोहर मठ भविष्य में योग और अध्यात्मक के बड़े केन्द्रों में शुमार रहेगा। यह केन्द्र अध्यात्म व योग का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह बात रोहतक प्रवास पर पहुँचे योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने मस्तनाथ मठ में कही। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए एक बार फिर स्वदेशी की वकालत की। उन्होंने कहा कि देश के अन्दर विदेशी कम्पनियाँ जितना ताकतवर होंगी, उतना ही देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा पैदा होता जाएगा। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी होगी। भारत की इकलौती कम्पनी पतंजलि पूरी दुनिया में अपना परचम लहराएगी। हम स्वदेशी की अवधारणा को सशक्त कर रहे हैं। हरियाणा में स्वदेशी अभियान के तहत शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करेंगे।

युवाओं को स्वदेशी अपनाने की अलख जगाने को प्रेरित किया

डक्न् में हुए युवा स्वावलम्बन सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि स्वदेशी जागरण की लौ को पूरे भारत में फैलाना जरूरी हो गया है। 50 हजार लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था पर आज बाहरी कंपनियों का नियंत्रण है। इन देशों की अर्थव्यवस्था भारत पर टिकी है। हमें स्वयं को समृद्ध बनाना होगा और देश के पैसे को देश में रखना होगा। यहां पर कुलपति प्रो. बिजेंद्र कुमार, प्रो.वंदना, कुलसचिव जितेंद्र कुमार, चीफ वार्डन प्रो.राधेश्याम, प्रो.राजेश, राहुल ऋषि आदि उपस्थित रहे।

मैं किसी भी राजनीतिक दौड़ में नहीं: स्वामी जी

श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने स्वयं को प्रधानमंत्री के रूप में व्यक्त करने की अटकलों को खारिज करते हुए स्वयं को किसी भी राजनीतिक दौड़ से बाहर बताया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज प्रातःकाल सर्वप्रथम अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ में पहुंचे। यहां पर महंत बाबा बालकनाथ जी ने उनका स्वागत किया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने महंत चांदनाथ जी से स्वयं के आत्मिक संबंधों की चर्चा करते हुए स्वयं का मठ से पुराना लगाव बताया।

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